अलीगढ़: शमशाद मार्केट में मिला 125 साल पुराना मंदिर, अवैध कब्ज़े का आरोप; माहौल गरमाया

हिन्दुस्तान मिरर: अलीगढ़ के शमशाद मार्केट में एक ऐतिहासिक मंदिर के मिलने के बाद इलाके में तनावपूर्ण माहौल बन गया है। स्थानीय लोगों ने दावा किया है कि यह मंदिर सवा सौ साल पुराना है और इस पर एक संप्रदाय विशेष द्वारा अवैध कब्ज़ा कर लिया गया है। इस विवाद को लेकर स्थानीय लोग भड़क उठे और उन्होंने प्रशासन से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की।

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स्थानीयों का आरोप और मंदिर की ऐतिहासिकता

मंदिर को लेकर स्थानीय निवासियों का कहना है कि यह मंदिर उनके पूर्वजों की धार्मिक धरोहर है, जिसे बचाने की आवश्यकता है। उनका आरोप है कि मंदिर की संपत्ति पर अवैध निर्माण कर उसे अपने कब्जे में लेने की कोशिश की गई है। विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि यह उनकी सांस्कृतिक और धार्मिक पहचान से जुड़ा मामला है।

मालिकाना हक का दावा

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दूसरी ओर, मंदिर पर मालिकाना हक जताने वाले व्यक्ति ने इसे अपने परिवार की धरोहर बताया है। उन्होंने मंदिर पर लगे शिलालेख को प्रमाण के रूप में पेश किया, जिसमें उनके पूर्वजों का नाम लिखा हुआ है। उनका कहना है कि यह मंदिर उनके बाबा द्वारा बनवाया गया था और इसे लेकर किसी भी तरह का कब्जा करने का आरोप गलत है।

प्रशासन का हस्तक्षेप

विवाद को बढ़ता देख, प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में लेने के लिए शांति बनाए रखने की अपील की है। ACM ने घटनास्थल पर पहुंचकर लोगों को भरोसा दिलाया कि मामले की पूरी जांच की जाएगी और सत्यता के आधार पर कार्रवाई होगी। उन्होंने कहा, “मंदिर को कब्जे से मुक्त कराने के लिए उचित कानूनी कदम उठाए जाएंगे, लेकिन सभी को शांति बनाए रखनी होगी।”

माहौल में तनाव, बढ़ाई गई सुरक्षा

इस विवाद के कारण शमशाद मार्केट का माहौल गरमाया हुआ है। किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिए इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात कर दिया गया है। स्थानीय प्रशासन ने यह भी स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार की अफवाह फैलाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।

जनता की मांग

क्षेत्र के निवासियों ने मंदिर को जल्द से जल्द मुक्त कराने और इसके इतिहास को संरक्षित करने की मांग की है। कई संगठनों ने भी इस मुद्दे पर अपना समर्थन दिया है और प्रशासन से अपील की है कि मंदिर को जल्द से जल्द भक्तों के लिए खोल दिया जाए।

न्याय और समाधान की उम्मीद

फिलहाल, यह विवाद प्रशासन के लिए चुनौती बन चुका है। दोनों पक्षों के दावों की सत्यता जांचना और निष्पक्ष समाधान निकालना जरूरी हो गया है। प्रशासन द्वारा जांच पूरी होने तक इलाके में शांति बनाए रखने के प्रयास किए जा रहे हैं।

इस घटना ने न केवल स्थानीय लोगों बल्कि पूरे जिले का ध्यान खींचा है। मंदिर का ऐतिहासिक महत्व और इस पर उठे विवाद के समाधान की प्रक्रिया आने वाले दिनों में महत्वपूर्ण साबित होगी।

रिपोर्ट : हिन्दुस्तान मिरर

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