अलीगढ़ के दादों थाने में 1996 के उपद्रव मामले में सपा के पूर्व विधायक वीरेश यादव सहित 19 आरोपी बरी

हिन्दुस्तान मिरर: अलीगढ़,
अलीगढ़ के दादों थाने में वर्ष 1996 में हुए उपद्रव और आगजनी-तोड़फोड़ के मामले में सपा के पूर्व विधायक वीरेश यादव और 19 अन्य आरोपियों को निचली अदालत ने बरी कर दिया है। यह निर्णय 29 साल पुराने इस मुकदमे में सुनाया गया, जिसमें तीन पुलिसकर्मियों के गवाहियों के आधार पर आरोपी को राहत दी गई। इस मामले में सपा के पूर्व विधायक वीरेश यादव ने खुद को निर्दोष साबित किया, जिससे उन्हें चौथे मुकदमे में भी बरी कर दिया गया है।

सपा विधायक पर चार मुकदमे दर्ज थे
वीरेश यादव पर कुल चार मुकदमे दर्ज थे, जिनमें तीन मामलों में उन्हें पहले ही बरी कर दिया गया था। 31 जनवरी को जिस मुकदमे में वे बरी हुए हैं, वह मुकदमा दादों थाने में 6 फरवरी 1996 को दर्ज किया गया था। इस मुकदमे में यादव और उनके समर्थक थाने गए थे और आरोप था कि पुलिस ने एक निर्दोष व्यक्ति को गिरफ्तार किया था, जबकि असल अपराधी पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही थी।

मुकदमे का घटनाक्रम और गवाहियाँ
इस मुकदमे के अनुसार, घटना के समय थाने में उपद्रव हुआ, जिससे तोड़फोड़ और वाहनों में आगजनी की गई। मामले में कुल 23 आरोपी थे, जिनमें से वीरेश यादव और अन्य को जेल भेजा गया था। आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट तैयार की गई, लेकिन आरोप तय नहीं हो पाए क्योंकि आरोपियों का अदालत में एक साथ हाजिर होना संभव नहीं हो पाया। इस प्रक्रिया को पूरा करने के बाद मामले में विचार-विमर्श हुआ।

पुलिसकर्मियों की गवाही के आधार पर राहत
इस मुकदमे में तीन पुलिसकर्मियों—सिपाही जगत सिंह, बृजेश कुमार, और एसएचओ एसपी सिंह—ने गवाही दी, जिसमें उन्होंने कहा कि घटना के समय वीरेश यादव थाने के अंदर थे और बाहर से उग्र भीड़ को रोकने के लिए पुलिस की मदद कर रहे थे। इन गवाहियों के आधार पर बचाव पक्ष ने अदालत में तर्क रखा कि यादव ने कोई गलत कार्य नहीं किया, बल्कि वे पुलिस के सहयोगी थे। अदालत ने इस तर्क को स्वीकार करते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया।

अदालत का फैसला और राज्य सरकार की भूमिका
इस मुकदमे की वापसी के संबंध में शासन से 2014 में संस्तुति आई थी, लेकिन अदालत ने इसे वापसी योग्य न मानते हुए प्रार्थना पत्र खारिज कर दिया था। इसके बावजूद, अदालत ने आरोपी वीरेश यादव और अन्य 18 आरोपियों को निर्दोष मानते हुए बरी कर दिया।

इस फैसले ने सपा के पूर्व विधायक के लिए एक और राहत का मौका प्रदान किया है, जो अब तक के अपने मुकदमों में बरी हो चुके हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *