प्रोफेसर समी रफीक को चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी में विजिटिंग प्रोफेसर का सम्मान

प्रो. समी रफीक

हिन्दुस्तान मिरर: 10 जनवरी: अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के अंग्रेजी विभाग की प्रोफेसर समी रफीक को चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, पटना में विजिटिंग प्रोफेसर के पद से सम्मानित किया गया है। उनकी यह उपलब्धि अकादमिक जगत में अलीगढ़ और एएमयू की प्रतिष्ठा को और बढ़ाती है।

विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में नई भूमिका

• प्रोफेसर समी रफीक चाणक्य नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी, पटना में साहित्य में शोध के विविध पहलुओं पर व्याख्यान देंगी।

• वे पीएचडी और एलएलडी छात्रों को सह-पर्यवेक्षक (Co-Supervisor) के रूप में मार्गदर्शन प्रदान करेंगी।

• वर्तमान में वे पटना में “जलवायु परिवर्तन और साहित्य के बीच संबंध” पर व्याख्यान दे रही हैं।

जलवायु परिवर्तन और साहित्य पर उनका विशेष कार्य

• प्रोफेसर समी रफीक का जलवायु परिवर्तन पर साहित्यिक अध्ययन में गहन योगदान है।

• हाल ही में उन्हें भारत सरकार के शिक्षा मंत्रालय द्वारा स्वयं पोर्टल पर “जलवायु परिवर्तन और साहित्य” विषय पर व्याख्यान देने के लिए नियुक्त किया गया।

• यह पाठ्यक्रम यूट्यूब और स्वयं पोर्टल पर उपलब्ध है और इसमें कोई भी स्नातक या स्नातकोत्तर छात्र शामिल हो सकता है।

• इस पाठ्यक्रम के माध्यम से छात्र साहित्य और पर्यावरण के आपसी संबंध को समझ पाएंगे

• पाठ्यक्रम “जलवायु कथा” (Climate Fiction) और “जलवायु कविता” (Climate Poetry) जैसे साहित्यिक विषयों पर केंद्रित है।

• प्रोफेसर समी रफीक ने बताया कि इस अंतःविषयी पाठ्यक्रम का उद्देश्य छात्रों को पर्यावरणीय समस्याओं को साहित्य के नजरिए से समझने के लिए प्रोत्साहित करना है।

साहित्यिक योगदान

• प्रोफेसर रफीक ने हाल ही में ‘सॉन्ग्स ऑफ अलीगढ़’ नामक अपना कविता संग्रह प्रकाशित किया है।

• इससे पहले उनका पहला संग्रह ‘वुमन इन द ट्रीज’ भी प्रकाशित हो चुका है।

• इन कृतियों में उन्होंने पर्यावरण, संस्कृति, प्रकृति और अलीगढ़ से अपने गहरे जुड़ाव का चित्रण किया है।

• उनकी कविताएँ प्रकृति, जानवरों और पर्यावरण के प्रति उनके प्रेम को दर्शाती हैं।

अन्य शिक्षण और शोध कार्य

• प्रोफेसर समी रफीक “जलवायु परिवर्तन और साहित्य” पर आधारित एक विशेष पेपर भी पढ़ाती हैं।

• उनका यह शोध साहित्य और पर्यावरण अध्ययन को एक साथ जोड़ने का एक अनुकरणीय प्रयास है।

प्रोफेसर समी रफीक का विजिटिंग प्रोफेसर के रूप में सम्मान मिलना न केवल उनके अकादमिक योगदान का प्रमाण है, बल्कि अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और अलीगढ़ शहर के लिए भी गर्व का विषय है। उनके शोध और साहित्यिक कार्य भविष्य की पीढ़ी को पर्यावरणीय समस्याओं को समझने और साहित्य के माध्यम से समाधान खोजने की प्रेरणा देते हैं।

रिपोर्ट : हिन्दुस्तान मिरऱ

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