वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हुआ आयोजन
अलीगढ़ के इगलास क्षेत्र में सोमवार को एक ऐतिहासिक आयोजन हुआ, जिसमें ईसाई धर्म अपनाने वाले 50 परिवारों ने पुनः सनातन धर्म को अपनाया। गार्गी कन्या गुरुकुल और अग्नि समाज के तत्वावधान में आयोजित इस कार्यक्रम का आयोजन लाधौली गांव में किया गया। वैदिक मंत्रोच्चार और हवन के साथ इन परिवारों ने सनातन धर्म में अपनी वापसी की और अपनी संस्कृति से जुड़ने का संकल्प लिया।
गुरुकुल और अग्नि समाज के प्रयासों का परिणाम
गार्गी कन्या गुरुकुल की आचार्य मनु आर्या ने बताया कि इन परिवारों को मिशनरी समाज द्वारा गुमराह करके ईसाई धर्म अपनाने के लिए प्रेरित किया गया था। वे प्रार्थना सभाओं में शामिल होकर सनातन धर्म से दूर हो गए थे। अब इन परिवारों ने वैदिक पद्धति से अपने धर्म में लौटने का निर्णय लिया है।
संकल्प लिया: नशा, मांसाहार और जातिवाद से रहेंगे दूर
कार्यक्रम में हिस्सा लेने वाले परिवारों ने हवन में आहुतियां डालकर खुद को पवित्र किया। साथ ही, उन्होंने यह संकल्प लिया कि वे शराब, मांसाहार, अश्लील सामग्री और जातिवाद जैसी बुराइयों से दूर रहेंगे। सभी ने सनातन धर्म की जय-जयकार करते हुए इसे पूर्ण आस्था के साथ अपनाया।
आध्यात्मिक सशक्तिकरण के लिए मुहिम
आचार्य मनु आर्या ने बताया कि गार्गी कन्या गुरुकुल, जो बेटियों की शिक्षा के लिए कार्यरत है, अग्नि समाज के साथ मिलकर पूरे प्रदेश में धर्म परिवर्तन कर चुके लोगों की घर वापसी के लिए अभियान चला रहा है। उन्होंने कहा, “मिशनरी समाज भोलेभाले लोगों को गुमराह करके उनका धर्म परिवर्तन कराता है। अब हमारी कोशिश है कि ऐसे सभी लोगों को जागरूक कर सनातन धर्म में वापसी कराई जाए।”
संजीवन नेवर की अग्नि समाज
अग्नि समाज की स्थापना आईआईटी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले और वैदिक विद्वान संजीवन नेवर ने की। उनका उद्देश्य आध्यात्मिक सशक्तिकरण और भटके हुए लोगों को सही मार्ग पर लाना है। मेरठ में भी इस अभियान के तहत 50 परिवारों की घर वापसी कराई जा चुकी है।
सनातन धर्म की जय-जयकार के साथ संपन्न हुआ आयोजन
कार्यक्रम के अंत में सभी परिवारों ने यह प्रण लिया कि वे केवल खुद ही नहीं, बल्कि अन्य भटके हुए लोगों को भी सनातन धर्म से जोड़ने का प्रयास करेंगे। इस आयोजन ने न केवल इन परिवारों को अपनी संस्कृति से जोड़ा, बल्कि समाज को एकता और सशक्तिकरण का संदेश भी दिया।