हिन्दुस्तान मिरर :अलीगढ़, 21 जनवरी:
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन विभाग द्वारा “नेतृत्व की अवधारणा को फिर से परिभाषित करना” विषय पर एक राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया। यह सम्मेलन आधुनिक वैश्विक गतिशीलता और एआई संचालित कॉर्पोरेट जगत में नेतृत्व की बदलती भूमिका पर केंद्रित था।
नेतृत्व का मतलब है व्यक्तिगत पसंद
सम्मेलन की शुरुआत में विभाग की अध्यक्ष और आयोजन की अध्यक्षता कर रहीं प्रो. सलमा अहमद ने नेतृत्व के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “नेतृत्व का अधिकार, पद या शीर्षक से नहीं आता, यह एक व्यक्तिगत पसंद है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि आज के युवाओं को परिणाम-उन्मुख तरीके से नेतृत्व करने की योग्यता और क्षमता विकसित करनी चाहिए।
वैश्विक दृष्टिकोण से प्रेरणा
प्रो. परवेज तालिब ने जोएल हेवर्ड की पुस्तक “द लीडरशिप ऑफ मुहम्मद” का उल्लेख करते हुए अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने बताया कि नेतृत्व में नैतिकता और प्रभावशाली व्यक्तित्व की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है।
मुख्य अतिथि का प्रेरणादायक संदेश
समापन सत्र में मुख्य अतिथि प्रो. सलमान हमीद ने समकालीन चुनौतियों में नेतृत्व की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने साइमन सिनेक के विचार उद्धृत करते हुए कहा, “नेतृत्व का मतलब प्रभारी होना नहीं है, बल्कि आपके प्रभार में लोगों का ख्याल रखना है।” उन्होंने युवाओं से कहा कि वे नवाचार और प्रभावशाली नेतृत्व कौशल विकसित करें।
पुरस्कार वितरण और तकनीकी सत्र
तकनीकी सत्रों में कई शोधपत्र प्रस्तुत किए गए, जिन्हें विशेषज्ञों द्वारा मूल्यांकित किया गया।
• प्रथम पुरस्कार (₹10,000): रुश्दा कलीम (एएमयू), इकरा सुल्तान और हुदा नजीर (जामिया हमदर्द) ने साझा किया।
• द्वितीय पुरस्कार (₹5,000): डॉ. शांतनु कुमार साहू (एचआईएमसीएस, मथुरा) और मोहम्मद अथर अंसारी (इंटीग्रल यूनिवर्सिटी, लखनऊ) ने साझा किया।
• सर्वश्रेष्ठ थीम का पुरस्कार: शिराज खान (एएमयू) और कार्तिक मंध्यान (क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, एनसीआर कैंपस) को दिया गया।
• जज का पुरस्कार: डॉ. सबलू खान (रेजिडेंशियल कोचिंग अकादमी, एएमयू) और कुमारी जागृति (क्राइस्ट यूनिवर्सिटी, एनसीआर कैंपस) को दिया गया।
कार्यक्रम का समन्वयन और संचालन
कार्यक्रम का संचालन सानिया खान ने किया और आयोजन सचिव प्रो. फेजा तबस्सुम आजमी ने धन्यवाद ज्ञापन दिया। समन्वयन टीम में सानिया खान, तूबा बिलग्रामी, सुमित तोमर और रुश्दा कलीम शामिल रहे।
यह राष्ट्रीय सम्मेलन प्रबंधन छात्रों के लिए एक ऐसा मंच बना, जहाँ उन्होंने नेतृत्व की बारीकियों और कॉर्पोरेट जगत की आवश्यकताओं को गहराई से समझने का अवसर प्राप्त किया।