अलीगढ़, 26 जनवरी 2025 (हिंदुस्तान मिरर): जिलेभर में 76वां गणतंत्र दिवस बड़ी धूमधाम और उत्साह के साथ मनाया गया। मंडलायुक्त संगीता सिंह ने कमिश्नरी में ध्वजारोहण कर राष्ट्रीय ध्वज को सलामी दी। इस अवसर पर स्कूली बच्चों ने देशभक्ति की भावना से ओतप्रोत सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दीं, जिन्होंने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।
ध्वजारोहण के बाद मंडलायुक्त ने उपस्थित अधिकारियों और कर्मचारियों को गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि यह दिवस स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान और भारतीय संविधान के प्रति समर्पण की भावना को याद करने का अवसर है। उन्होंने इस वर्ष के विशेष महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह भारत के संविधान की स्थापना के 75 वर्ष पूरे होने का ऐतिहासिक समय है।
संविधान की महत्ता पर जोर
मंडलायुक्त संगीता सिंह ने कहा कि संविधान केवल एक दस्तावेज़ नहीं, बल्कि यह भारत की एकता, लोकतंत्र और समानता का प्रतीक है। उन्होंने कहा कि पिछले 75 वर्षों में भारतीय संविधान ने हर नागरिक को समान अधिकार और अवसर प्रदान किए हैं। यह भारत की विविधता को एकता में पिरोने वाली शक्ति है।
उन्होंने कहा कि संविधान केवल अधिकारों की बात नहीं करता, बल्कि यह कर्तव्यों की ओर भी इशारा करता है। “हम भारत के लोग” यदि अपने कर्तव्यों का पालन करें, तो देश को उन्नति के शिखर पर पहुंचने से कोई नहीं रोक सकता।
सांस्कृतिक कार्यक्रम और सम्मान समारोह
कमिश्नरी में आयोजित कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के साथ ही यूपी दिवस पर विशेष सम्मान समारोह भी आयोजित किया गया। 24 जनवरी को उत्तर प्रदेश दिवस के अवसर पर आयोजित प्रदर्शनी में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों और अधिकारियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
सम्मान पाने वालों में कौशलेन्द्र सिंह, सतीश कुमार सिंह, विवेक कुमार, हेमलता गुप्ता, प्रियंका अग्रवाल, फहमीना मुईन, शुभ्रा गोयल, अशोक कुमार, अफरोज गौरी, सना आरिफ, नाजिया इशाक, शालिनी चौधरी और यतीश गुप्ता प्रमुख थे।
कार्यक्रम में वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित
इस अवसर पर अपर आयुक्त प्रशासन अरुण कुमार, अपर आयुक्त प्रथम बीके सिंह, संयुक्त विकास आयुक्त मंशाराम यादव और अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन नीलम शर्मा ने किया।
गणतंत्र दिवस का यह आयोजन न केवल एक उत्सव था, बल्कि यह देश के प्रति समर्पण और संविधान के आदर्शों को आत्मसात करने का भी संदेश था।