हिन्दुस्तान मिरर : अलीगढ़, 30 जनवरी: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के अजमल खान तिब्बिया कॉलेज के निस्वान व कबालात (ऑब्सटेट्रिक्स और गायनेकोलॉजी) विभाग द्वारा आयोजित एक महीने तक चलने वाला मुफ्त स्वास्थ्य शिविर सर्वाइकल कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाने के उद्देश्य से सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। इस शिविर में 130 से अधिक महिलाओं ने विभिन्न गायनेकोलॉजिकल समस्याओं जैसे कि योनि स्राव, अनियमित रक्तस्राव और रजोनिवृत्ति के बाद रक्तस्राव के लिए परामर्श प्राप्त किया।
जागरूकता और परामर्श
शिविर के दौरान, महिलाओं को सर्वाइकल कैंसर से बचाव और इसके प्रारंभिक पहचान के महत्व के बारे में जागरूक किया गया। जिन महिलाओं को आगे की जांच की आवश्यकता थी, उन्हें कोलपोस्कोपी और फॉलो-अप देखभाल के लिए भर्ती होने की सलाह दी गई। मरीजों को मुफ्त यूनानी दवाइयाँ, साथ ही मल्टीविटामिन, कैल्शियम, आयरन सप्लीमेंट्स और प्रोटीन पाउडर वितरित किए गए। शिविर का आयोजन ओपीडी परिसर में हुआ था, जिसमें बड़ी संख्या में महिलाओं ने स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठाया।
विशेषज्ञों की उपस्थिति
इस शिविर का उद्घाटन प्रोफेसर सीमा हकीम, पूर्व विभागाध्यक्ष, ऑब्सटेट्रिक्स और गायनेकोलॉजी, जेएन मेडिकल कॉलेज ने किया। इस अवसर पर प्रोफेसर उबैदुल्लाह खान, डीन, यूनानी चिकित्सा संकाय प्रोफेसर बदरुद्दुजा खान, प्रिन्सिपल ए.के. तिब्बिया कॉलेज, डॉ. अबीहा अहमद खान, डॉ. फहमीदा जीनत और अन्य शिक्षक उपस्थित थे।
सर्वाइकल कैंसर से बचाव की महत्वपूर्ण जानकारी
प्रोफेसर सुबूही मुस्तफा, विभागाध्यक्ष, निस्वान व कबालात ने इस पहल का उद्देश्य सर्वाइकल कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाना, इसके बचाव और प्रारंभिक पहचान के महत्व को समझाना बताया। उन्होंने नियमित स्क्रीनिंग के महत्व पर जोर दिया, जिसमें विजुअल इंस्पेक्शन विद एसीटिक एसिड (6ए), विजुअल इंस्पेक्शन विद लुगोल्स आयोडीन (6एल1), और पैप स्मियर टेस्ट शामिल हैं, जो सर्वाइकल असमानताओं की शुरुआती पहचान में मदद करते हैं।
समापन और भविष्य के प्रयास
डॉ. अबीहा अहमद खान ने जूनियर रेजिडेंट्स और इंटर्न्स के सहयोग से शिविर का समन्वय किया। शिविर का समापन इस बात के साथ हुआ कि समय पर चिकित्सा उपचार को बढ़ावा देने में सार्वजनिक स्वास्थ्य पहलों की भूमिका महत्वपूर्ण है।