हिन्दुस्तान मिरर: अलीगढ़, 31 जनवरी: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के उर्दू शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र, जिसे उर्दू अकादमी के नाम से जाना जाता है, ने एएमयू स्कूलों के शिक्षकों के लिए एक सप्ताह लंबे ‘उर्दू भाषा और साहित्य की शिक्षाः आधुनिक विधियाँ और संभावनाएँ’ विषय पर रिफ्रेशर कोर्स की शुरुआत की। इस प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों को उर्दू भाषा के आधुनिक शिक्षण तरीकों से अवगत कराना और नई तकनीकों का उपयोग सिखाना है।
मुख्य अतिथि ने उर्दू भाषा की महत्ता पर दिया जोर
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में मुख्य अतिथि, एएमयू स्कूल शिक्षा निदेशालय के निदेशक प्रोफेसर असफर अली खान ने कहा कि उर्दू एक समृद्ध भाषा है, जो भारत की बहुसांस्कृतिक परंपरा का प्रतीक है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि आज के डिजिटल युग में उर्दू शिक्षकों को आधुनिक तकनीकी साधनों और नवाचारों को अपनाने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा, “अगर तकनीकी संसाधनों का सही उपयोग किया जाए तो यह भाषा नई पीढ़ी की रुचि को आकर्षित कर सकती है, विशेष रूप से उन युवाओं की, जो उर्दू कविता और साहित्य में रुचि रखते हैं।”
मानद अतिथि ने शिक्षकों को उन्नत तरीकों को अपनाने की दी सलाह
इस अवसर पर मानद अतिथि, उर्दू अकादमी के पूर्व निदेशक डॉ. राहत अबरार ने कहा कि हर भाषा को समय के साथ बदलाव अपनाना चाहिए ताकि वह आधुनिक जरूरतों के अनुरूप बनी रहे। उन्होंने इस तथ्य पर जोर दिया कि उर्दू भाषा भी कई बदलावों से गुजरी है और आज यह गैर-उर्दू भाषी लोगों, विशेष रूप से युवाओं के बीच लोकप्रिय हो रही है।
उन्होंने कहा कि रेख्ता और अन्य साहित्यिक मंचों ने उर्दू को एक नई पहचान दी है, जिससे युवा इस भाषा की ओर आकर्षित हो रहे हैं। उन्होंने उर्दू शिक्षकों को सुझाव दिया कि वे आधुनिक डिजिटल उपकरणों और ऑनलाइन संसाधनों का उपयोग करके उर्दू को रोचक और सहज बनाएं।
रिफ्रेशर कोर्स शिक्षकों के लिए कैसे है उपयोगी?
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे उर्दू शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र के निदेशक प्रोफेसर कमरुल हुदा फारिदी ने कहा कि यह आवश्यक है कि स्कूल स्तर पर उर्दू शिक्षकों को उन्नत प्रशिक्षण मिले, ताकि वे आधुनिक तकनीक और एआई-संचालित शिक्षण उपकरणों का उपयोग कर अपने शिक्षण कौशल को बेहतर बना सकें।
उन्होंने कहा, “आज शिक्षकों को केवल पारंपरिक कक्षा शिक्षण तक सीमित नहीं रहना चाहिए। उन्हें स्मार्ट बोर्ड, ऑनलाइन शिक्षण प्लेटफार्मों और डिजिटल टूल्स की मदद से उर्दू को और अधिक आकर्षक बनाना चाहिए।”
उन्होंने बताया कि इस रिफ्रेशर कोर्स में एएमयू के 10 स्कूलों के उर्दू शिक्षक भाग ले रहे हैं और यह प्रशिक्षण कार्यक्रम 5 फरवरी को संपन्न होगा।
कार्यक्रम का समापन और धन्यवाद ज्ञापन
कार्यक्रम के दौरान डॉ. मुश्ताक सदफ ने संचालन किया, जबकि डॉ. रफीउद्दीन ने धन्यवाद ज्ञापित किया। प्रतिभागियों ने इस कोर्स को अपनी शिक्षण क्षमताओं को उन्नत करने के लिए बेहद उपयोगी बताया और उम्मीद जताई कि यह प्रशिक्षण उन्हें उर्दू भाषा को और अधिक प्रभावी ढंग से सिखाने में मदद करेगा।
(हिन्दुस्तान मिरर)