हिन्दुस्तान मिरर: अलीगढ़, 15 फरवरीः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अजमल खान तिब्बिया कॉलेज के इल्मुल अदविया विभाग में ‘‘औषधीय पौधों से साक्ष्य-आधारित औषधि विकास‘‘ विषय पर एक विस्तार व्याख्यान आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली के जैव प्रौद्योगिकी विभाग के प्रो. मोहम्मद हुसैन मुख्य वक्ता के रूप में शामिल हुए।
कार्यक्रम की अध्यक्षता एएमयू के जैव रसायन (लाइफ साइंसेज) विभाग के अध्यक्ष प्रो. सलीम जावेद ने की। उन्होंने यूनानी चिकित्सा की समृद्ध विरासत और औषधि मानकीकरण, नैदानिक परीक्षणों व औषधीय अनुसंधान की आवश्यकता पर जोर दिया।
अपने व्याख्यान में प्रो. मोहम्मद हुसैन ने यूनानी दवाओं की प्रभावशीलता और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए ठोस वैज्ञानिक प्रमाणों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने शोधकर्ताओं से अपील की कि वे यूनानी चिकित्सा के मूल सिद्धांतों को बनाए रखते हुए आधुनिक वैज्ञानिक विधियों को अपनाएं, ताकि यह चिकित्सा प्रणाली वैश्विक स्तर पर अधिक प्रभावी बन सके।
यूनानी चिकित्सा संकाय के डीन, प्रो. एस.एम. सफदर अशरफ ने इल्मुल अदविया विभाग द्वारा यूनानी चिकित्सा को मजबूत करने के लिए किए जा रहे प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह विभाग पूरे देश में यूनानी चिकित्सा के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
विभाग के अध्यक्ष डॉ. अब्दुर रऊफ ने मुख्य वक्ता का स्वागत किया और व्याख्यान के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने विभाग की अनुसंधान परियोजनाओं और यूनानी चिकित्सा में इसके योगदान पर प्रकाश डाला।
इस अवसर पर डॉ. सुम्बुल रहमान ने अतिथि वक्ता का परिचय दिया, जबकि डॉ. नाजिश सिद्दीकी ने धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया।