हिन्दुस्तान मिरर अलीगढ़ 22 फरवरी: राजकीय औद्योगिक एवं कृषि प्रदर्शनी के कृष्णंजलि सभागार में अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग महासंघ का सम्मेलन आयोजित किया गया। महासंघ की राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष रोशनी सिंह ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि स्वतंत्रता प्राप्ति के 78 वर्ष बाद भी पिछड़ा वर्ग की स्थिति में कोई विशेष सुधार नहीं हुआ है और वे अब भी दयनीय हालात में हैं।
मुख्य वक्ता वैज्ञानिक श्री आर. स्वरूप लोधी एवं ओबीसी महासभा के अध्यक्ष श्री यशपाल सिंह लोधी ने संयुक्त रूप से कहा कि देश में अनुसूचित जाति एवं पिछड़ी जातियों को एकजुट करने की महती आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि रूढ़िवादी परंपराओं को समाप्त कर वैज्ञानिक सोच को अपनाने का समय आ गया है। पिछड़े वर्गों को सामाजिक, शैक्षिक एवं आर्थिक सुधार की दिशा में आगे बढ़ना होगा।
मुख्य अतिथि हाईकोर्ट एडवोकेट श्री अचल सिद्धार्थ ने कहा कि पूरे देश में पिछड़ों का प्रतिनिधित्व करने के लिए कोई राष्ट्रीय नेता नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि मोनोपोली के तहत संविधान को अस्थिर करने का प्रयास किया जा रहा है और आरक्षण पर प्राइवेटाइजेशन के माध्यम से हमला किया जा रहा है।
विशिष्ट अतिथि पूर्व बार एसोसिएशन अध्यक्ष श्री चोव सिंह बघेल एवं श्री देवेंद्र प्रताप यादव (लखनऊ) ने कहा कि जनसंख्या के अनुपात में पिछड़े वर्गों को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि एक सुनियोजित साजिश के तहत पिछड़े वर्गों को नेतृत्वहीन किया जा रहा है।
कार्यक्रम की संयोजिका श्रीमती कमलेश यादव ने महासंघ की स्थापना के उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह संगठन भारत की एकता, अखंडता, लोकतांत्रिक व्यवस्था और ‘वसुधैव कुटुंबकम’ की भावना को बनाए रखने के लिए दृढ़ संकल्पित है।
सम्मेलन का दीप प्रज्वलन चौ. उदयराज सिंह ने किया, अध्यक्षता वाबू सिंह ने की तथा सफल संचालन के. पी. सिंह बघेल ने किया। इस अवसर पर जयसिंह सुमन, ओ.पी. आर्या, रमेश चंद्र विद्रोही, आई.पी. कश्यप, मूलचंद्र यादव, रामवीर सिंह यादव, महेश लोधी, सुवोध चौधरी, कौशलेन्द्र सिंह, रामदास यादव, प्रेमपाल सिंह प्रजापति, सुंपत सिंह सहित अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।