राजस्थान सरकार का बड़ा फैसला: 9 नए जिलों का गठन रद्द, 3 संभाग भी निरस्त

राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार द्वारा गठित 17 नए जिलों में से 9 जिलों को रद्द करने का निर्णय लिया है। साथ ही, पाली, बांसवाड़ा और सीकर को मिला संभागीय दर्जा भी समाप्त कर दिया गया है। इस फैसले के बाद, राज्य में जिलों की संख्या 50 से घटकर 41 और संभागों की संख्या 10 से घटकर 7 रह गई है।

निरस्त किए गए 9 जिले:
दूदू
• केकड़ी
• शाहपुरा
• नीमकाथाना
• गंगापुर सिटी
• जयपुर ग्रामीण
• जोधपुर ग्रामीण
• अनूपगढ़
• सांचौर

बने रहने वाले 8 जिले:
• बालोतरा
• ब्यावर
• डीग
• डीडवाना-कुचामन
• कोटपूतली-बहरोड़
• खैरथल-तिजारा
• फलौदी
• सलूंबर

सरकार का तर्क:

सरकार ने इन जिलों के गठन को पूर्ववर्ती सरकार द्वारा निर्धारित मापदंडों की अनदेखी कर राजनैतिक लाभ के लिए किया गया बताया है। मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि कई जिलों के गठन में निर्धारित मापदंडों का पालन नहीं किया गया, जिससे प्रशासनिक व्यवस्थाओं को लागू करना चुनौतीपूर्ण था।

कांग्रेस का विरोध:

कांग्रेस ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया है। प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि राज्य सरकार के इस फैसले के खिलाफ कांग्रेस सड़कों पर उतरेगी। नए साल में 1 जनवरी से ही पूरे प्रदेश में आंदोलन शुरू किए जाने का ऐलान किया गया है।

नए जिलों के गठन की प्रक्रिया:

नए जिले बनाने के लिए राज्य सरकार जनसंख्या, भौगोलिक स्थिति, प्रशासनिक सुविधाओं और संसाधनों की उपलब्धता जैसे मापदंडों पर विचार करती है। आमतौर पर, एक जिले की आबादी 10 लाख के आसपास होती है, और नए जिले बनाने के लिए क्षेत्र की आबादी कम से कम 2 लाख होनी चाहिए।

इस निर्णय से राज्य की प्रशासनिक संरचना में महत्वपूर्ण बदलाव आएगा, जिसका प्रभाव स्थानीय प्रशासन, विकास योजनाओं और जनता की सेवाओं पर पड़ेगा।

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