अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के कैमिस्ट्री डिपार्टमेंट ने एक महत्वपूर्ण शोध में नदियों के हानिकारक और कैंसरजनक पदार्थों की पहचान करने के लिए एक नया कंपाउंड विकसित किया है। यह खोज न केवल नदियों के प्रदूषण को नियंत्रित करने में मददगार होगी, बल्कि इससे सरकारी खर्चे भी कम होंगे। एएमयू द्वारा खोजे गए इस कंपाउंड का नाम ‘चार्ज ट्रांसफर कॉम्प्लेक्स’ रखा गया है।
सरकारी सहयोग से हुई शोध में सफलता
यह शोध यूपी सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी की ओर से शुरू किए गए एक महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट का हिस्सा था। इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य नदियों में मौजूद जहरीले और कैंसरजनक तत्वों की पहचान करना था। सरकार ने कई विश्वविद्यालयों से परीक्षण करवाने के बाद एएमयू को यह प्रोजेक्ट सौंपा था।
कम लागत और प्रभावी समाधान
प्रोजेक्ट मिलने के बाद, एएमयू के कैमिस्ट्री डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर इशात मोहम्मद खान और उनकी टीम ने इस काम को हाथ में लिया। इस शोध में उनका मुख्य उद्देश्य था कि कम लागत में नदियों में मौजूद हानिकारक तत्वों की पहचान की जा सके। शोधकर्ताओं को इस क्षेत्र में सफलता प्राप्त हुई है, जिससे नदियों की सफाई के अभियानों में प्रभावी सुधार होगा।
एएमयू के शोध में मिली सफलता
प्रोजेक्ट इंचार्ज डॉ. इशात मोहम्मद खान ने बताया कि उनकी टीम ने इस नए कंपाउंड को विकसित किया है, जिससे नदियों में मौजूद जहरीले और कैंसरजनक तत्वों की पहचान आसानी से की जा सकती है। यह कंपाउंड न केवल नदियों की सफाई में सहायक साबित होगा, बल्कि प्रदूषण नियंत्रण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
नदियों की सफाई में नए आयाम
एएमयू की इस नई खोज से नदियों की सफाई के अभियानों को एक नई दिशा मिलेगी। यह कंपाउंड सरकार और पर्यावरण संगठनों के लिए एक महत्वपूर्ण उपकरण साबित हो सकता है, जिससे नदियों के जल को साफ किया जा सके और मानव स्वास्थ्य को बचाया जा सके।