अलीगढ़ पुलिस ने नकली नोट के बदले असली नोट देने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। इस गिरोह के पास से 500-500 रुपये के नोटों की कुल 470 गड्डियां बरामद हुई हैं। यह गिरोह वीडियो कॉल पर नोट दिखाकर सौदा तय करता था और डिलीवरी के समय खुद ही पुलिस को बुलाकर खरीदारों को फंसाने का काम करता था।
मुखबिर की सूचना पर गिरफ्तारी
सिविल लाइंस थाना प्रभारी राजवीर सिंह परमार ने बताया कि सोमवार देर रात गश्त के दौरान मुखबिर से सूचना मिली थी। इसके आधार पर निजामी पुलिया के पास चार संदिग्ध व्यक्तियों की पहचान की गई। पूछताछ के लिए रोकने पर आरोपियों ने भागने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने उन्हें पकड़ लिया।
15 लाख के बदले 50 लाख के नकली नोट का लालच
सीओ थर्ड अभय कुमार पांडेय के अनुसार, यह गिरोह लोगों को 15 लाख असली रुपये के बदले 50 लाख के नकली नोट देने का झांसा देता था। पहले ये लोग वीडियो कॉल पर नोटों के भरे बैग दिखाकर भरोसा दिलाते थे। बाद में असली नोट लेने के बाद जाली नोटों से भरा बैग सौंपते और फिर खुद ही पुलिस को बुलाकर खरीदारों को गिरफ्तार करवाते थे।
खुद ठगे गए, फिर शुरू किया ठगी का खेल
पूछताछ में आरोपियों ने खुलासा किया कि वे भी कभी इस तरह की ठगी का शिकार हुए थे। इसके बाद उन्होंने खुद एक गिरोह बनाकर लोगों को ठगने की योजना बनाई।
पिस्टल और कारतूस भी बरामद
पुलिस को आरोपियों के पास से 500 रुपये के जाली नोटों के अलावा .32 बोर की अवैध पिस्टल, दो मैगजीन और 41 जिंदा कारतूस भी मिले हैं।
गिरफ्तार आरोपी और उनकी पहचान
गिरफ्तार किए गए चार आरोपियों में दो बदायूं और दो जम्मू-कश्मीर के रहने वाले हैं:
1. सलीम पुत्र सादिक निवासी वार्ड नंबर-17, ककराला, थाना अल्हापुर, बदायूं।
2. हसनैन पुत्र असगर अली निवासी न्यू सर सय्यद नगर, अलीगढ़।
3. मुख्तार अहमद वानी निवासी हिरपुरा, सोपिया, जम्मू-कश्मीर।
4. बसारत हमीद निवासी कुटपोरा, सोपिया, जम्मू-कश्मीर।
पुलिस टीम की सराहनीय भूमिका
इस ऑपरेशन में एसआई साबिर अली, उस्मान अली, जितेंद्र कुमार धामा, प्रशिक्षु एसआई रजत खोखर, कांस्टेबल हरिपाल सिंह और शाहनवाज शामिल थे।
मुकदमा दर्ज, आगे की जांच जारी
पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है। इस गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों की जानकारी जुटाई जा रही है। पुलिस का कहना है कि यह गिरोह बड़े स्तर पर नकली नोटों की तस्करी में लिप्त था।