अलीगढ़, 5 फरवरी: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) ने इस्माइली मुसलमानों के 49वें वंशानुगत इमाम, हिज हाइनेस प्रिंस करीम आगा खान के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। प्रिंस करीम आगा खान का 88 वर्ष की आयु में, लिस्बन, पुर्तगाल में निधन हुआ। वह अपने दूरदर्शी नेतृत्व, परोपकार और वैश्विक विकास के प्रति प्रतिबद्धता के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध थे। उनके निधन से न केवल इस्लामिक समुदाय, बल्कि पूरी मानवता को गहरी क्षति हुई है।
एएमयू और आगा खान परिवार का ऐतिहासिक संबंध
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय और आगा खान परिवार का एक गहरा और ऐतिहासिक संबंध है। हिज हाइनेस के दादा, सर सुल्तान मोहम्मद शाह, आगा खान तृतीय ने एएमयू की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। 1911 में, उन्होंने मुहम्मडन एंग्लो-ओरिएंटल कॉलेज (जो बाद में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय बना) के लिए 30 लाख रुपये की धनराशि जुटाने का नेतृत्व किया। इसके बाद, 1921 में उन्हें विश्वविद्यालय का कुलपति नियुक्त किया गया, जिससे भारतीय मुस्लिम शिक्षा के विकास में उनकी भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई।
प्रिंस करीम आगा खान का योगदान
प्रिंस करीम आगा खान ने 1957 में 20 वर्ष की आयु में अपने दादा के उत्तराधिकारी के रूप में इस्माइली मुस्लिम समुदाय के 49वें इमाम के रूप में पद ग्रहण किया। उनके नेतृत्व में, आगा खान डेवलपमेंट नेटवर्क (AKDN) की स्थापना की गई, जो शिक्षा, स्वास्थ्य, सांस्कृतिक संरक्षण और आर्थिक विकास के क्षेत्रों में कार्यरत एक प्रमुख वैश्विक संगठन बन चुका है। यह नेटवर्क 30 से अधिक देशों में कार्य करता है और मानवता के उत्थान के लिए अनेक महत्वपूर्ण योजनाओं पर काम कर रहा है।
विश्वविद्यालय की संवेदना और श्रद्धांजलि
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की कुलपति, प्रो. नईमा खातून ने शोक संदेश में कहा कि एएमयू की ओर से हम प्रिंस करीम आगा खान के निधन पर गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं। उन्होंने कहा कि उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा और उनका मार्गदर्शन हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत रहेगा। विश्वविद्यालय और आगा खान परिवार का संबंध ऐतिहासिक और शिक्षा के प्रति उनका समर्पण हमेशा याद रखा जाएगा।
आगा खान के अद्वितीय कार्यों का सम्मान
एएमयू ने हिज हाइनेस प्रिंस करीम आगा खान की असाधारण सेवाओं को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए, इस्माइली समुदाय और उनके परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की। विश्वविद्यालय के छात्र, शिक्षक और अन्य सदस्य उनके द्वारा स्थापित शिक्षा और मानवता के आदर्शों को अपनाने और उसे आगे बढ़ाने का संकल्प लेते हैं।
प्रिंस करीम आगा खान की प्रेरणा और उनकी सेवा की भावना आने वाली पीढ़ियों को दिशा दिखाती र