हिन्दुस्तान मिरर अंबेडकरनगर, उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संगठनात्मक चुनावों के दौरान भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप सामने आए हैं। शुक्रवार को पार्टी कार्यकर्ताओं ने जिलाध्यक्ष और चुनाव अधिकारी पर चार-चार लाख रुपये लेकर मंडल अध्यक्ष बनाने का आरोप लगाया, जिससे पार्टी कार्यालय में भारी हंगामा हुआ।
• हंगामा और ताला: भाजपा की ओर से बृहस्पतिवार को मंडल अध्यक्षों की सूची जारी की गई थी, जिसके बाद नाराज कार्यकर्ताओं ने शुक्रवार को जिला कार्यालय पर एकत्र होकर नारेबाजी शुरू कर दी। स्थिति बिगड़ने पर कार्यकर्ताओं ने कार्यालय के गेट पर ताला लगा दिया, जिससे नामांकन करने आए पूर्व जिलाध्यक्ष मिथिलेश त्रिपाठी को बाहर इंतजार करना पड़ा। बाद में उनके समर्थकों ने ताला तोड़कर उन्हें अंदर प्रवेश दिलाया।
• भ्रष्टाचार के आरोप: महिला मोर्चा की मंडल उपाध्यक्ष ज्योति सिंह ने आरोप लगाया कि जिलाध्यक्ष ने चार-चार लाख रुपये लेकर मंडल अध्यक्षों की नियुक्ति की है। भाजपा पिछड़ा मोर्चा के नेता नारद विश्वकर्मा ने भी चुनाव अधिकारी पर मनमानी करने का आरोप लगाया। हालांकि, भाजपा जिलाध्यक्ष त्रयंबक तिवारी ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि जिन मंडल अध्यक्षों को लेकर हंगामा हो रहा है, वे पहले से ही पार्टी में अनुसूचित मोर्चा के पदाधिकारी हैं।
पार्टी की प्रतिक्रिया:
भाजपा ने अंबेडकरनगर में संगठनात्मक चुनावों के लिए 23 मंडलों में चुनाव अधिकारियों की नियुक्ति की थी, ताकि चुनाव प्रक्रिया सुचारु रूप से संचालित हो सके। हालांकि, मंडल और जिलाध्यक्षों के चुनाव के लिए पार्टी ने सख्त नियम लागू किए हैं, ताकि बाहरी और दागी लोगों की एंट्री रोकी जा सके।
अंबेडकरनगर में भाजपा के संगठनात्मक चुनावों के दौरान भ्रष्टाचार के आरोपों ने पार्टी की आंतरिक प्रक्रियाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पार्टी नेतृत्व को इन आरोपों की गंभीरता से जांच करनी चाहिए, ताकि संगठन की विश्वसनीयता बनी रहे और कार्यकर्ताओं का विश्वास बहाल हो सके।
रिपोर्ट : हिन्दुस्तान मिरर