हिन्दुस्तान मिरर अलीगढ़ 11 फरवरीः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की कुलपति, प्रो. नईमा खातून ने आज प्रख्यात उर्दू साहित्यकार प्रो. गोपीचंद नारंग की 95वीं जयंती के अवसर पर एक पुस्तक, ‘नई फिक्रियत और गोपीचंद नारंग’ का विमोचन किया, जिनका जून 2022 में निधन हो गया था।
पुस्तक के लेखक, एएमयू उर्दू अकादमी के डॉ. मुश्ताक सदफ को बधाई देते हुए, प्रो. नईमा खातून ने पुस्तक को गोपीचंद नारंग को समझने में एक मील का पत्थर बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि नारंग के निधन के ढाई साल बाद, यह महत्वपूर्ण पुस्तक उनके अपार अकादमिक और साहित्यिक योगदान के प्रति श्रद्धांजलि और स्वीकृति दोनों का काम करती है।
उन्होंने कहा कि प्रो. नारंग और फिराक गोरखपुरी उर्दू साहित्य के दिग्गजों में शुमार होते थे और एएमयू ने प्रोफेसर नारंग को 2014 में डी.लिट. की उपाधि से और 2016 में उनकी उत्कृष्ट सेवाओं के लिए सर सैयद उत्कृष्टता पुरस्कार से सम्मानित किया था।
सामाजिक विज्ञान संकाय के डीन, प्रो. शाफे किदवाई ने मुश्ताक सदफ की शैक्षणिक यात्रा को आकार देने में नारंग की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने टिप्पणी की कि कैसे यह पुस्तक नारंग के बौद्धिक योगदान, आधुनिक उर्दू साहित्यिक प्रवचन को आकार देने में उनकी भूमिका और उनके द्वारा सृजित सिद्धांतों के व्यावहारिक पहलु पर ध्यान केंद्रित करती है।
उर्दू विभाग के अध्यक्ष प्रो. कमर-उल-हुदा फरीदी ने नारंग की शैक्षणिक, साहित्यिक, भाषाई और आलोचनात्मक उपलब्धियों की सावधानीपूर्वक प्रस्तुति के लिए डॉ. सदफ के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने नारंग की विरासत के बारे में ज्ञान को संरक्षित करने और विस्तार करने की उनकी प्रतिबद्धता के लिए उनकी सराहना की।
डॉ. मुश्ताक सदफ ने विश्वविद्यालय में शैक्षणिक वातावरण का माहौल पैदा करने के लिए कुलपति के प्रति आभार व्यक्त किया, जिस से शिक्षकों को शैक्षणिक कार्य करने का अवसर मिल पाता है।