हिन्दुस्तान मिरर अलीगढ़ 11 फरवरीः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के विमेंस कॉलेज के कौशल विकास और कैरियर नियोजन केंद्र द्वारा कौशल मेला 3.0 के तीसरे संस्करण का सफलतापूर्वक आयोजन किया गया जो एक प्रदर्शनी-सह-बिक्री कार्यक्रम पर आधारित था और जिसका उद्देश्य प्रशिक्षुओं को अपने उद्यमशीलता और व्यावसायिक कौशल का प्रदर्शन करने के लिए एक मंच प्रदान करना था।
कार्यक्रम का उद्घाटन विमेंस कॉलेज के प्राचार्य और केंद्र के निदेशक प्रोफेसर मसूद अनवर अलवी ने किया। उन्होंने कुशल महिला उद्यमियों को बढ़ावा देने में प्रदर्शनी के महत्व पर जोर दिया, साथ ही विश्वविद्यालय की छात्राओं को कैरियर की संभावनाओं को बढ़ाने के लिए अपने नियमित अध्ययन के साथ-साथ अतिरिक्त प्रमाणपत्र पाठ्यक्रमों की खोज करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने मेहमानों का गर्मजोशी से स्वागत किया और उन्हें प्रशंसा के प्रतीक भेंट किए।
इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि एएमयू रजिस्ट्रार, मोहम्मद इमरान (आईपीएस) ने नवोदित उद्यमियों को बाजार तक पहुंच का विस्तार करने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म और अमेजॅन हैंडीक्राफ्ट जैसी ई-कॉमर्स वेबसाइटों का लाभ उठाने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कुशल व्यक्तियों के लिए बेहतर अवसरों की सुविधा के लिए एएमयू परिसर के भीतर और बाहर जागरूकता कार्यक्रम, कार्यशालाएं और प्रदर्शनी-सह-बिक्री कार्यक्रम आयोजित करने के महत्व पर जोर दिया।
इस अवसर पर डॉ. सफिया अख्तर काजमी, समन्वयक, एकीकृत हरित एवं नवीकरणीय ऊर्जा केंद्र ने कपड़े के थैले जैसे सस्ते, पर्यावरण अनुकूल और आसानी से उपलब्ध उत्पाद तैयार करने में प्रशिक्षुओं के समर्पण की सराहना की।
इस बीच, आई.जी. हॉल की प्रोवोस्ट, प्रो. शौकत हसीन ने शिक्षार्थियों से अपने व्यावसायिक अवसरों को व्यापक बनाने के लिए अलीगढ़ के औद्योगिक और कृषि प्रदर्शनी जैसे बड़े मंचों का लाभ उठाने का आग्रह किया।
इस कार्यक्रम में विभिन्न प्रमाणपत्र पाठ्यक्रमों में नामांकित प्रशिक्षकों और प्रशिक्षुओं ने भाग लिया, जिससे प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) को और मजबूती मिली, जो कौशल विकास के माध्यम से रोजगार क्षमता बढ़ाने के उद्देश्य से भारत सरकार की एक पहल है। केंद्र में छात्र परामर्शदाता डॉ. समरीन हसन खान ने व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के बारे में जानकारी दी और महिलाओं को उनके आर्थिक सशक्तीकरण के लिए इन पाठ्यक्रमों में नामांकन के लिए प्रोत्साहित किया।
प्रदर्शनी में परिधान, बैग, सजावटी सामान, मूर्तिकला पेंटिंग, मनके और फैशन आभूषण, और घर में बने बेकरी आइटम सहित हस्तनिर्मित उत्पादों को देखने वालों ने खूब सराहा। इस कार्यक्रम ने प्रतिभागियों की उद्यमशीलता की भावना और शिल्प कौशल को सफलतापूर्वक उजागर किया, जिससे कौशल विकास और आत्मनिर्भरता के प्रति केंद्र की प्रतिबद्धता को बल मिला।