उत्तर प्रदेश में न्यायिक प्रणाली के आधुनिकीकरण के लिए 800 करोड़ की घोषणा

लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य की न्यायिक प्रणाली को आधुनिक बनाने और उसमें सुधार के लिए 800 करोड़ रुपये के बजट की घोषणा की है। इस बजट का उद्देश्य हाईकोर्ट, जिला न्यायालयों और तहसील स्तर की अदालतों में आधारभूत सुविधाओं का विस्तार करना है, जिससे न्यायिक प्रक्रिया को अधिक प्रभावी और सुलभ बनाया जा सके।

न्यायालयों में सुविधाओं का विस्तार

राज्य सरकार ने इस बजट के तहत न्यायालयों के आधुनिकीकरण पर विशेष ध्यान दिया है। इसके अंतर्गत विभिन्न स्तरों पर अदालतों के बुनियादी ढांचे को मजबूत किया जाएगा।

बजट का विभाजन

सरकार द्वारा घोषित 800 करोड़ रुपये की राशि को निम्नलिखित क्षेत्रों में खर्च किया जाएगा:

  1. इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में सुविधाएं बढ़ाने के लिए – 150 करोड़ रुपये
    • हाईकोर्ट में आधुनिक तकनीकों का उपयोग बढ़ाने पर जोर दिया जाएगा।
    • न्यायाधीशों और अधिवक्ताओं के लिए उन्नत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
  2. ग्रामीण क्षेत्रों में नई अदालतों की स्थापना के लिए – 120 करोड़ रुपये
    • ग्रामीण इलाकों में न्याय व्यवस्था को और मजबूत किया जाएगा।
    • नये न्यायालय परिसरों की स्थापना से न्याय प्रक्रिया तेज होगी।
  3. न्यायालय परिसरों की सुरक्षा व्यवस्था और सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए – 100 करोड़ रुपये
    • सभी न्यायालय परिसरों में सुरक्षा को लेकर सख्त कदम उठाए जाएंगे।
    • सीसीटीवी कैमरों की संख्या बढ़ाई जाएगी, जिससे न्यायालय परिसरों की निगरानी सुनिश्चित हो सके।
  4. न्यायाधीशों और न्यायिक अधिकारियों के लिए आवासीय सुविधाओं के विकास हेतु – 352 करोड़ रुपये
    • न्यायिक अधिकारियों के लिए आधुनिक और सुरक्षित आवासों का निर्माण किया जाएगा।
    • इससे न्यायिक अधिकारियों को बेहतर कार्य वातावरण मिल सकेगा।
  5. अधिवक्ताओं के कल्याण कोष में योगदान के लिए – 20 करोड़ रुपये
    • प्रदेश के अधिवक्ताओं के हित में इस कोष का उपयोग किया जाएगा।
    • इससे कानूनी सेवाओं में सुधार की उम्मीद की जा रही है।

न्यायिक व्यवस्था को सुलभ और सुरक्षित बनाने की पहल

उत्तर प्रदेश सरकार का यह निर्णय राज्य की न्यायिक प्रणाली को मजबूत करने और न्याय को अधिक सुगम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। इससे न केवल न्यायालयों की कार्यक्षमता में वृद्धि होगी, बल्कि लोगों को त्वरित न्याय भी मिल सकेगा।

विशेषज्ञों का मानना है कि इस बजट के प्रभावी क्रियान्वयन से प्रदेश की न्यायिक व्यवस्था और अधिक पारदर्शी और तकनीकी रूप से उन्नत हो जाएगी।

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