हिन्दुस्तान मिरर अलीगढ़, 30 जनवरी: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के अजमल खान तिब्बिया कॉलेज के तफजुजी वा समाजी तिब विभाग ने ‘विश्व कुष्ठ रोग दिवस-2025’ के अवसर पर एक जागरूकता शिविर का आयोजन किया। इस शिविर का मुख्य विषय था, “एकजुट हो, कार्य करें और समाप्त करें।”
कुष्ठ रोग के प्रसार को रोकने के लिए जागरूकता का महत्व
यूनानी चिकित्सा संकाय के डीन, प्रोफेसर उबैदुल्लाह खान ने कुष्ठ रोग के प्रसार को रोकने के लिए लोगों में जागरूकता फैलाने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने इस रोग से प्रभावित लोगों के प्रति दयाभाव को बढ़ावा देने की आवश्यकता बताई।
कुष्ठ रोग से जुड़ी सामाजिक कलंक पर चर्चा
प्रोफेसर बदरुद्दुजा खान, प्रिन्सिपल अजमल खान तिब्बिया कॉलेज ने इस बीमारी से जुड़ी सामाजिक कलंक पर प्रकाश डाला। उन्होंने समाज से आग्रह किया कि वे प्रभावित व्यक्तियों के प्रति सहानुभूति दिखाएं और उन्हें चिकित्सा सहायता देने में मदद करें।
कुष्ठ रोग के प्रबंधन पर चर्चा
विभाग की अध्यक्ष, प्रोफेसर रुबी अंजुम ने कुष्ठ रोग के प्रबंधन के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की। इसमें रोग के कारण, प्रगति, संचरण और रोकथाम के उपाय शामिल थे। उन्होंने इस बीमारी के संचार को रोकने के लिए सावधानियों पर भी जोर दिया। प्रोफेसर अंजुम ने लोगों से अपील की कि यदि किसी को इस बीमारी के लक्षण दिखें, तो वे तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
जागरूकता अभियान में बड़ी संख्या में लोगों ने लिया हिस्सा
डॉ. मोहम्मद मोहसिन, डीएमएस, अजमल खान तिब्बिया कॉलेज ने भी इस अवसर पर भाग लिया। जागरूकता अभियान में 250 से अधिक लोगों ने पंजीकरण कराया। इस अभियान का समन्वय डॉ. अम्मार इब्ने अनवर ने किया।
यह जागरूकता शिविर कुष्ठ रोग के बारे में लोगों को जागरूक करने के साथ-साथ इस बीमारी से प्रभावित लोगों के लिए सहानुभूति और चिकित्सा सहायता की आवश्यकता को भी स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करता है।