हिन्दुस्तान मिरर अलीगढ़ 11 फरवरीः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जे.एन. मेडिकल कॉलेज के प्लास्टिक सर्जरी विभाग द्वारा राष्ट्रीय क्लेफ्ट दिवस के उपलक्ष में ऑस्कर विजेता वृत्तचित्र “स्माइल पिंकी” की स्क्रीनिंग का आयोजन किया गया। यह एक वार्षिक आयोजन है जो कटे होंठ और कटे तालु के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए समर्पित है, साथ ही प्रभावित व्यक्तियों के लिए उपचार और सहायता तक बेहतर पहुंच की वकालत करता है। इस दिन के आयोजन का मकसद कटे होंट व तालू से पीड़ित बच्चों और वयस्कों के लिए शीघ्र चिकित्सा उपचार, व्यापक देखभाल और सामाजिक समावेश के महत्व पर प्रकाश डालना है।
अपने स्वागत भाषण में, प्लास्टिक सर्जरी विभाग के अध्यक्ष डॉ. एम. एफ. खुर्रम ने क्लेफ्ट की स्थिति और उनके उपचार समय के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की। उन्होंने कहा कि क्लेफ्ट होंठ और तालु सबसे आम जन्मजात रोगों में से हैं, जो दुनिया भर में हर 700 जन्मों में से एक को प्रभावित करते हैं।
डॉ. खुर्रम ने कहा कि समय पर चिकित्सा और शल्य चिकित्सा देखभाल के बिना, क्लेफ्ट की स्थिति वाले बच्चों को खाने पीने, बोलने, सुनने और सामाजिक एकीकरण में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि, उचित उपचार के साथ, वे स्वस्थ और संतुष्ट जीवन जी सकते हैं। उन्होंने कटे होंठ और तालु से ग्रस्त बच्चों की समस्याओं को दूर करने और इस स्थिति को प्रभावी ढंग से उपचार करने में माता-पिता की भागीदारी की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।
स्माइल ट्रेन प्रोजेक्ट के निदेशक प्रो. इमरान अहमद ने क्लेफ्ट के मामलों के उपचार में इस पहल की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में बात की। उन्होंने कहा कि इस वर्ष की थीम, ‘बिना किसी बाधा के मुस्कान’, भौगोलिक या वित्तीय बाधाओं के बावजूद समान स्वास्थ्य सेवा पहुँच की आवश्यकता को रेखांकित करती है। इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए दुनिया भर में विभिन्न जागरूकता अभियान, निःशुल्क चिकित्सा परामर्श और सामुदायिक सहभागिता पहल आयोजित की जा रही हैं।
उन्होंने प्रभावित बच्चों के माता-पिता और उनके परिजनों से समय पर उपचार कराने का आग्रह किया, साथ ही क्लेफ्ट रिपेयर सर्जरी और स्पीच थेरेपी के परिवर्तनकारी प्रभाव पर जोर दिया। उन्होंने कार्यक्रम में मौजूद माता-पिता के सवालों के जवाब देकर, उनकी शंकाओं को दूर करके और बच्चों को उपहार और लंच बॉक्स वितरित करके उनसे संवाद भी किया।
कार्यक्रम का समापन डॉ. शेख सरफराज अली द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ हुआ।