“NHAI टोल प्लाजा पर STF का बड़ा ऑपरेशन: करोड़ों का घोटाला उजागर, 42 टोल प्लाजा पर अवैध सॉफ्टवेयर का पर्दाफाश”

हिन्दुस्तान मिरर, 23 जनवरी 2025

लखनऊ: उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) के टोल प्लाजा पर टैक्स वसूली में हो रहे बड़े घोटाले का खुलासा किया है। बुधवार सुबह मिर्जापुर के अतरैला शिव गुलाम टोल प्लाजा पर छापेमारी के दौरान STF ने 3 लोगों को गिरफ्तार किया। इन पर पिछले 2 सालों से 45,000 रुपये प्रतिदिन के हिसाब से करोड़ों रुपये का गबन करने का आरोप है।

STF की कार्रवाई: 3 गिरफ्तार, लाखों का सामान बरामद

STF ने अतरैला टोल प्लाजा पर छापेमारी के दौरान मनीष मिश्रा, राजीव कुमार मिश्रा और आलोक सिंह को गिरफ्तार किया। इनके कब्जे से 2 लैपटॉप, 1 प्रिंटर, 5 मोबाइल, 1 कार और 19,000 रुपये नकद बरामद किए गए हैं। STF ने आरोपियों के खिलाफ लालगंज थाने में मामला दर्ज कर लिया है।

कैसे चलता था घोटाला?

गिरफ्तार आरोपियों ने NHAI के कंप्यूटर सिस्टम में एक समानांतर अवैध सॉफ्टवेयर इंस्टॉल कर रखा था।
• यह सॉफ्टवेयर बिना फास्टैग गुजरने वाले वाहनों से अवैध वसूली करता था।
• वसूली की पर्ची NHAI के असली सॉफ्टवेयर जैसी ही होती थी, जिससे किसी को शक नहीं होता था।
• आरोपियों ने 12 राज्यों के 42 टोल प्लाजा पर यह सॉफ्टवेयर इंस्टॉल कर रखा था।
• मिर्जापुर के अतरैला टोल प्लाजा से प्रतिदिन 45,000 रुपये का गबन हो रहा था।

12 राज्यों के टोल प्लाजा निशाने पर

आरोपियों ने उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, छत्तीसगढ़, असम, जम्मू-कश्मीर, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और झारखंड समेत 12 राज्यों के 42 टोल प्लाजा पर अवैध सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किया था। इन टोल प्लाजा की सूची इस प्रकार है:
1. हरों बोल प्लाजा, प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)
2. उमापुर टोल प्लाजा, प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)
3. अतरैला शिव गुलाम टोल प्लाजा, मिर्जापुर (उत्तर प्रदेश)
4. फरीदपुर टोल प्लाजा, बरेली (उत्तर प्रदेश)
5. कदलीगढ़ टोल प्लाजा, ओडिशा
6. शहडोल टोल प्लाजा, मध्य प्रदेश
7. फुलैरा टोल प्लाजा, जयपुर (राजस्थान)
8. जनगांव टोल प्लाजा, तेलंगाना
(अन्य स्थानों का भी जिक्र STF की जांच रिपोर्ट में है।)

जांच में STF को क्या पता चला?

STF की जांच में खुलासा हुआ कि घोटाले का मास्टरमाइंड आलोक सिंह है, जो MCA पास है। वह पहले टोल प्लाजा पर काम करता था। आलोक ने बताया कि उसने टोल प्लाजा ठेकेदारों और IT कर्मियों की मदद से यह सॉफ्टवेयर बनाया और प्लाजा के कंप्यूटरों में इंस्टॉल कर दिया।
• वसूले गए अवैध पैसे टोल मालिकों और कर्मचारियों के बीच बांटे जाते थे।
• बिना फास्टैग वाले वाहनों का डबल शुल्क वसूला जाता था।
• वसूली की गई राशि का केवल 5% NHAI के खाते में जमा किया जाता था, जबकि नियमानुसार 50% राशि जमा होनी चाहिए थी।

धोखाधड़ी की शिकायतें और STF की जांच

NHAI के टोल प्लाजा पर गड़बड़ी की शिकायतें लंबे समय से मिल रही थीं।
• STF के ASP विमल सिंह और ASP विनोद सिंह की टीम ने इस मामले की लगातार निगरानी की।
• जांच के दौरान यह जानकारी मिली कि NHAI के असली सॉफ्टवेयर के समानांतर एक सॉफ्टवेयर चलाया जा रहा है।
• आलोक सिंह को वाराणसी एयरपोर्ट के पास से गिरफ्तार किया गया।

STF का अगला कदम

STF ने कहा कि पूरे देश में इस घोटाले की जांच जारी है। अन्य टोल प्लाजा पर भी कार्रवाई की जाएगी। आरोपियों से मिली जानकारी के आधार पर 200 से ज्यादा टोल प्लाजा को चिह्नित किया गया है, जहां इस प्रकार की हेराफेरी हो सकती है।

सरकार का बयान और कार्रवाई

सरकार ने मामले को गंभीरता से लिया है। NHAI के अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि टोल प्लाजा के सभी सिस्टम्स की जांच की जाए। IT विशेषज्ञों की टीम को इस प्रकार के घोटालों को रोकने के लिए नए सुरक्षा उपाय लागू करने के लिए कहा गया है।

(इस खबर पर अधिक अपडेट के लिए पढ़ते रहिए ‘हिन्दुस्तान मिरर’)

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