अलीगढ़: उत्तर प्रदेश एंटी टेररिस्ट स्क्वाड (UP ATS) ने एक बड़ी कार्रवाई करते हुए बांग्लादेशी दम्पत्ति को गिरफ्तार किया है, जो भारतीय दस्तावेजों के आधार पर भारतीय नागरिक के रूप में रह रहे थे। यह गिरफ्तारी अलीगढ़ जिले से की गई है। आरोपितों के पास कूटरचित भारतीय पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज थे, जिनका इस्तेमाल कर उन्होंने कई देशों में यात्रा की थी।
गिरफ्तार आरोपी और उनका पता
गिरफ्तार किए गए व्यक्ति का नाम सिराज है, जो बांग्लादेश के फरीदपुर जिले के भंगा थाना क्षेत्र स्थित दक्षिण कालामरिधा गांव का निवासी है। उसकी पत्नी का नाम हलीमा है। सिराज और उसकी पत्नी लंबे समय से भारत में रह रहे थे, जहां उन्होंने भारतीय नागरिकता हासिल करने के लिए कूटरचित दस्तावेजों का इस्तेमाल किया था।
कैसे हुआ भारत में प्रवेश?
सिराज और हलीमा ने दलालों की मदद से बांग्लादेश से भारतीय सीमा पार की और बिना वैध दस्तावेजों के भारत में प्रवेश किया। बाद में, दोनों ने भारतीय पासपोर्ट और अन्य दस्तावेज तैयार कराए, जिसके बाद उन्होंने विभिन्न देशों जैसे सऊदी अरब, बांग्लादेश और दुबई की यात्रा की। सिराज की पत्नी भी भारतीय पासपोर्ट का इस्तेमाल करते हुए बांग्लादेश कई बार यात्रा कर चुकी है।
एटीएस की कार्रवाई और मुकदमा
उत्तर प्रदेश एटीएस ने इन दोनों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए बीएनएस की धारा 318(4), 336(3), 337, 339, 340(2) और BNS की धारा 14, 14(A) के तहत मुकदमा दर्ज किया है। एटीएस ने आरोपियों को गिरफ्तार करने के बाद उनके खिलाफ जांच शुरू कर दी है और यह भी पता लगाया जा रहा है कि वे और कितने लोगों के साथ इस तरह की धोखाधड़ी में शामिल थे।
यह गिरफ्तारी यूपी एटीएस के लिए एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, क्योंकि इस तरह के मामलों में कूटरचित दस्तावेजों के आधार पर भारतीय नागरिकता हासिल करना और फिर अन्य देशों में यात्रा करना देश की सुरक्षा के लिए खतरा उत्पन्न कर सकता है। यूपी एटीएस की यह कार्रवाई यह साबित करती है कि सुरक्षा एजेंसियां इस तरह के धोखाधड़ी के मामलों में पूरी तरह सतर्क हैं और किसी भी तरह की अवैध गतिविधियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
इस घटना के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस और एटीएस ने सीमा सुरक्षा और कूटरचित दस्तावेजों की जांच में और भी सख्त कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।