एएमयू के धर्मशास्त्र संकाय में ब्राउशर का विमोचन

हिन्दुस्तान मिरर अलीगढ़, 13 फरवरीः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के धर्मशास्त्र संकाय में एक विशेष कार्यक्रम के दौरान संकाय के ब्राउशर का विमोचन किया गया। इस अवसर पर संकाय के डीन, प्रोफेसर तौकीर आलम फलाही ने सभी अतिथियों का स्वागत किया और कहा कि इस ब्राउशर में पिछले चार वर्षों में संकाय द्वारा की गई शैक्षणिक और शोध संबंधी उपलब्धियों को संक्षेप में प्रस्तुत किया गया है। इस ब्राउशर का शीर्षक ‘धर्मशास्त्र संकायः परंपरा से नवाचार तक’ रखा गया है, जिसमें पाठ्यक्रम, सेमिनार, सम्मेलन और अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रमों में भागीदारी की विस्तृत जानकारी दी गई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि संकाय का यह ज्ञानवर्धक सफर आगे भी जारी रहेगा।

कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रोफेसर हबीब रजा ने धर्मशास्त्र संकाय और प्रोफेसर तौकीर आलम फलाही के साथ अपने पुराने संबंधों को याद करते हुए कहा कि उन्होंने इस संकाय से बहुत कुछ सीखा है। उन्होंने कहा कि संकाय की सफलता में प्रोफेसर तौकीर आलम का योगदान अत्यंत महत्वपूर्ण है। उनकी किताबें, शोध पत्र और विदेशों में दिए गए व्याख्यान संकाय और विश्वविद्यालय की उन्नति में आधारशिला की तरह हैं।

एएमयू के प्रॉक्टर प्रोफेसर वसीम अली ने कहा कि इस ब्राउशर में संकाय की शैक्षणिक और शोधगत प्रगति को बहुत व्यवस्थित तरीके से प्रस्तुत किया गया है। उन्होंने धर्मशास्त्र संकाय को अन्य संकायों से अलग और विशेष बताते हुए कहा कि यह संकाय न केवल धार्मिक शोध कर रहा है, बल्कि छात्रों के नैतिक और चारित्रिक विकास में भी अहम भूमिका निभा रहा है।

कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, एएमयू रजिस्ट्रार मोहम्मद इमरान ने कहा कि इस ब्राउशर से यह स्पष्ट होता है कि संकाय आधुनिक तरीकों का उपयोग करके समकालीन समस्याओं का समाधान खोजने का प्रयास कर रहा है। उन्होंने कहा कि संकाय के सभी शिक्षक मिलकर इसकी प्रगति के लिए कार्य कर रहे हैं, और डीन प्रोफेसर तौकीर आलम फलाही इस प्रयास के लिए बधाई के पात्र हैं।

उन्होंने आगे कहा कि यह संकाय पारंपरिक और आधुनिक शिक्षा का संगम है, जहां मदरसों के छात्र नई तकनीकों और आधुनिक ज्ञान से परिचित होते हैं, जबकि आधुनिक शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्र यहां नैतिकता और चरित्र निर्माण का पाठ सीखते हैं।

कार्यक्रम का संचालन डॉ. मोहम्मद आसिम ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ. रेहान अख्तर ने किया। इस अवसर पर धर्मशास्त्र संकाय के शिक्षकों और छात्रों के अलावा विभिन्न संकायों के डीन, विभागाध्यक्ष, शिक्षक और छात्र-छात्राएं भी उपस्थित रहे।

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