हिन्दुस्तान मिरर, 23 जनवरी 2025
नई दिल्ली: मोबाइल फोन के प्रकार के आधार पर कैब सर्विस ओला और उबर द्वारा अलग-अलग किराया वसूलने की शिकायतों ने उपभोक्ताओं को चिंता में डाल दिया है। इस मामले में सेंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी (CCPA) ने गुरुवार को ओला और उबर को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा है।
शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि यदि कोई उपभोक्ता एंड्रॉयड फोन से कैब बुक करता है, तो किराया कम दिखाया जाता है, जबकि वही बुकिंग आईफोन से करने पर अधिक किराया दिखता है। यह अंतर कुछ किलोमीटर की दूरी पर भी देखा गया है। इस मामले ने उपभोक्ताओं के हितों की सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं।
उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी ने इस मुद्दे पर ट्वीट करते हुए कहा कि विभाग ने इन शिकायतों पर गंभीरता से गौर किया है। मंत्री ने बताया, “CCPA को निर्देश दिया गया है कि वह मामले की गहन जांच करे और यह सुनिश्चित करे कि उपभोक्ताओं के साथ भेदभाव न हो।”
विशेषज्ञों का मानना है कि यह संभव है कि ओला और उबर द्वारा उपभोक्ताओं के डेटा का विश्लेषण कर उनके डिवाइस के आधार पर किराए तय किए जा रहे हों। हालांकि, यह नीति उपभोक्ता अधिकारों का उल्लंघन मानी जा सकती है।
क्या कहती हैं कंपनियां?
ओला और उबर ने इस मामले पर अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है। उम्मीद की जा रही है कि कंपनियां CCPA के नोटिस का जवाब जल्द देंगी।
क्या होगा आगे?
CCPA ने इस मामले में अपनी जांच प्रक्रिया शुरू कर दी है। यदि कंपनियों पर भेदभावपूर्ण प्रथाओं का दोष सिद्ध होता है, तो उन पर भारी जुर्माना लगाया जा सकता है। साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि भविष्य में किराए तय करने की प्रक्रिया में पारदर्शिता बरती जाए।
उपभोक्ता मामलों के विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम उपभोक्ताओं के अधिकारों की सुरक्षा में एक बड़ा कदम साबित हो सकता है। इसके अलावा, इस मामले से यह भी स्पष्ट होगा कि क्या तकनीकी कंपनियां अपने लाभ के लिए डेटा का दुरुपयोग कर रही हैं।
उपभोक्ताओं से भी अपील की गई है कि यदि उन्हें ऐसे अनुभव हुए हैं, तो वे तुरंत उपभोक्ता मामलों के विभाग को शिकायत दर्ज कराएं।