हिन्दुस्तान मिरर: अलीगढ़, 4 फरवरीः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के अजमल खान तिब्बिया कॉलेज के जराहत विभाग द्वारा भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के सहयोग से यूनानी चिकित्सा अधिकारियों के लिए आयोजित चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) कार्यक्रम का समापन हो गया।
अपने अध्यक्षीय भाषण में प्रोफेसर प्रोफेसर मोहम्मद गुलरेज, पूर्व कुलपति ने सीएमई कार्यक्रमों में कृत्रिम बुद्धिमत्ता और संबंधित प्रौद्योगिकियों को एकीकृत करने की आवश्यकता जताई। उन्होंने जराहत विभाग और अजमल खान तिब्बिया कॉलेज में उपलब्ध अत्याधुनिक सुविधाओं का भी उल्लेख किया, जो एएमयू के अन्य संस्थानों जैसे जेएन मेडिकल कॉलेज, डॉ. जियाउद्दीन अहमद डेंटल कॉलेज और अंतःविभागीय अनुसंधान केंद्रों के साथ सहयोग से संभव हुईं। उन्होंने छात्रों और बाहरी विशेषज्ञों के प्रशिक्षण के लिए इन उन्नत संसाधनों का उपयोग करने के लिए प्रोत्साहित किया।
मुख्य अतिथि प्रोफेसर डॉ. असफर अली खान, ओएसडी और स्कूल शिक्षा निदेशय के निदेशक ने कहा कि चिकित्सा अधिकारियों के लिए ज्ञान और प्रथाओं में निरंतर सुधार आवश्यक है। उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रतिभागी कार्यक्रम से प्राप्त नई जानकारी को अपनी चिकित्सा प्रैक्टिस में अपनाएंगे जिससे समाज को लाभ मिलेगा।
मानद अतिथि प्रोफेसर डॉ. वसीम अहमद, राज्य यूनानी मेडिकल कॉलेज, प्रयागराज के प्राचार्य और चिकित्सा अधीक्षक ने सीएमई के लिए विशेषज्ञों के चयन की सराहना की। उन्होंने आयुष मंत्रालय की ओर से ऐसे प्रशिक्षण कार्यक्रमों को बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता को भी सराहा।
आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रोफेसर तफसीर अली ने एएमयू के कुलपति प्रोफेसर डॉ. नईमा खातून और पूर्व कुलपति प्रोफेसर डॉ. मोहम्मद गुलरेज का धन्यवाद किया, जिनके सहयोग के चलते अनुसंधान और शैक्षिक उत्कृष्टता को बढ़ावा मिला। उन्होंने मुख्य अतिथि प्रोफेसर डॉ. असफर अली खान को भी आयोजकों और प्रतिभागियों को प्रोत्साहित करने के लिए धन्यवाद भी दिया।
प्रो. अली ने एएमयू के पूर्व छात्र प्रोफेसर डॉ. वसीम अहमद को राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर आयुष में विभिन्न भूमिकाओं में उनके निरंतर सहयोग विशेष रूप से प्रोफेसर डॉ. नजर अब्बास, विभागाध्यक्ष, मोलिजात विभाग, जयपुर, राजस्थान का धन्यवाद किया गया, जिन्होंने जाराहत विभाग में उन्नत एंडोस्कोपी केंद्र की स्थापना में योगदान दिया।
आयोजन सचिवों डॉ. राबिया रियाज और डॉ. हफीज हमजा बिलाल ने कार्यक्रम का कुशलतापूर्वक प्रबंधन किया। डॉ. मोहम्मद तारिक ने बताया कि छह दिवसीय कार्यक्रम के दौरान विशेषज्ञों द्वारा 24 व्याख्यान और 24 व्यावहारिक प्रदर्शन आयोजित किए गए।
ा्रविभिन्न राज्यों के छह प्रतिभागियों ने अपनी प्रतिक्रिया साझा की। समापन सत्र डॉ. सीमीं उस्मानी के भाषण के साथ समाप्त हुआ।