एएमयू के तिब्बिया कॉलेज में यूनानी चिकित्सा अधिकारियों के लिए सीएमई कार्यक्रम प्रारंभ

हिंदुस्तान मिरर: अलीगढ़, 28 जनवरी:
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के यूनानी चिकित्सा संकाय के जराहत विभाग द्वारा भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के सहयोग से यूनानी चिकित्सा अधिकारियों के लिए सतत चिकित्सा शिक्षा (सीएमई) कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। यह कार्यक्रम तिब्बिया कॉलेज के सभागार में आयोजित किया गया।

कुलपति ने किया उद्घाटन, ज्ञान और कौशल विकास पर जोर

कुलपति प्रो. नईमा खातून ने उद्घाटन समारोह में अध्यक्षीय भाषण देते हुए प्रतिभागियों से अपील की कि वे इस सीएमई का उपयोग अपने ज्ञान और कौशल को बढ़ाने में करें। उन्होंने कहा कि चिकित्सा अधिकारियों को यहां से प्राप्त ज्ञान का उपयोग रोगियों के उपचार और मानवता की सेवा के लिए करना चाहिए।

विशेषज्ञों और अधिकारियों का संबोधन

यूनानी चिकित्सा संकाय के डीन प्रो. उबैदुल्ला खान और अजमल खान तिब्बिया कॉलेज के प्रिंसिपल प्रो. बदरुद्दुजा खान ने सीएमई के आयोजन पर बधाई दी। उन्होंने प्रतिभागियों से चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे नए शोध और प्रगति से जुड़ने का आव्हान किया।
मानद अतिथि के रूप में जेएन मेडिकल कॉलेज की प्रोफेसर शाहीन, हमदर्द इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज एंड रिसर्च के डॉ. मुशर्रफ हुसैन, और स्कूल ऑफ यूनानी मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च के पूर्व डीन प्रो. एसएम आरिफ जैदी ने उद्घाटन सत्र को संबोधित किया।

कार्यक्रम के उद्देश्य और विवरण

कार्यक्रम का उद्देश्य यूनानी चिकित्सा अधिकारियों को “इल्मुल जराहत” (सर्जरी) और संबंधित क्षेत्रों में निदान और उपचार की नई विधियों से अवगत कराना है। कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को नवीनतम रुझानों और प्रगति से लैस किया गया।

विभागाध्यक्ष प्रो. तफसीर अली ने अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि सीएमई में भारत के विभिन्न राज्यों से आए 30 चिकित्सा अधिकारी भाग ले रहे हैं। उन्होंने उच्च अध्ययन और अनुसंधान के लिए विभाग में उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी दी और इस कार्यक्रम के लिए आयुष मंत्रालय का आभार व्यक्त किया।

प्रथम दिवस के सत्रों का विवरण

  • पहले दो सत्रों में प्रो. मुशर्रफ हुसैन ने “ऊपरी और निचली जीआई एंडोस्कोपी और जीआई पैथोलॉजी के निदान में इसका महत्व” पर व्याख्यान और व्यावहारिक प्रदर्शन किया।
  • अंतिम दो सत्रों में प्रो. एसएम आरिफ जैदी ने “आउट पेशेंट विभाग में चिकित्सा अधिकारियों के लिए सर्जरी के सिद्धांत और नैदानिक विधियों की भूमिका” पर व्याख्यान और प्रदर्शन किए।

कार्यक्रम संचालन और धन्यवाद ज्ञापन

सत्रों का संचालन डॉ. फाखरा खान और डॉ. शाहिद खान ने किया। उद्घाटन सत्र का संचालन डॉ. मोहम्मद तारिक ने किया, जबकि धन्यवाद ज्ञापन प्रो. इकबाल अजीज ने प्रस्तुत किया।

आयोजन सचिव का वक्तव्य

आयोजन सचिव डॉ. राबिया रियाज ने बताया कि यह कार्यक्रम चिकित्सा अधिकारियों के कौशल विकास और पेशेवर उन्नति में सहायक होगा। प्रतिभागियों को व्याख्यान और प्रदर्शन के माध्यम से नवीनतम ज्ञान से परिचित कराया गया।

इस कार्यक्रम का उद्देश्य यूनानी चिकित्सा के क्षेत्र में नई तकनीकों और तरीकों को समझना और उन्हें व्यावहारिक रूप से लागू करना है, ताकि रोगियों को बेहतर उपचार सेवाएं प्रदान की जा सकें।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *