अलीगढ़, 25 जनवरी: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के अजमल खान तिब्बिया कॉलेज एवं अस्पताल के यूनानी चिकित्सा संकाय के जराहत (सर्जरी) विभाग द्वारा 27 जनवरी 2025 से यूनानी चिकित्सा अधिकारियों के लिए एक विशेष सीएमई (निरंतर चिकित्सा शिक्षा) कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
नवीनतम तकनीकों और उपचार विधियों पर होगा फोकस
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य चिकित्सा अधिकारियों को इल्मुल जराहत (सर्जरी) और संबंधित क्षेत्रों में नवीनतम उपचार तकनीकों तथा आधुनिक चिकित्सा उपकरणों की जानकारी प्रदान करना है। इस प्रशिक्षण के माध्यम से चिकित्सा अधिकारी अपनी पद्धतियों को और अधिक प्रभावी बनाने में सक्षम होंगे।
देशभर से चिकित्सा अधिकारियों की भागीदारी
सीएमई आयोजन समिति के अध्यक्ष प्रो. तफसीर अली ने बताया कि इस कार्यक्रम में देशभर से कुल 30 यूनानी चिकित्सा अधिकारी भाग लेंगे। तीन दिनों तक चलने वाले इस प्रशिक्षण कार्यक्रम में 12 प्रतिष्ठित विशेषज्ञों द्वारा 24 सत्रों का आयोजन किया जाएगा। ये विशेषज्ञ भारत के प्रमुख संस्थानों से आएंगे और अपने क्षेत्र के नवीनतम शोध व अनुभव साझा करेंगे।
व्यावसायिक उन्नति का मिलेगा अवसर
सीएमई के आयोजन सचिव डॉ. मोहम्मद तारिक ने कहा कि यह कार्यक्रम चिकित्सा अधिकारियों को अपने कार्यक्षेत्र में नए आयाम स्थापित करने और नवीनतम तकनीकों को अपनाने का अवसर प्रदान करेगा। इसके अलावा, यह उन्हें नई चुनौतियों का सामना करने के लिए सक्षम बनाएगा।
कार्यक्रम के लिए तैयारियां पूरी
आयोजन समिति ने बताया कि कार्यक्रम के सभी सत्रों को व्यवस्थित और प्रभावी बनाने के लिए तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। विशेषज्ञों के व्याख्यान के अलावा, प्रतिभागियों के लिए संवाद सत्र भी आयोजित किए जाएंगे, जिसमें वे अपनी शंकाओं का समाधान पा सकेंगे।
कार्यक्रम से जुड़े अधिकारियों की उम्मीदें
आयोजन से जुड़े अधिकारियों का मानना है कि यह सीएमई यूनानी चिकित्सा अधिकारियों को उनके कार्यक्षेत्र में नई दिशा प्रदान करेगा और उन्हें आधुनिक चिकित्सा विज्ञान से जोड़े रखने में मददगार साबित होगा।