पीटीए मार्ग के अलीगढ़-पलवल सेक्शन में भू-अर्जन से प्रभावित 15 ग्रामों में 06 मार्च से बंटेगा प्रतिकर

एडीएम प्रशासन ने कार्मिकों की तैनाती कर शिविर लगाते हुए आवश्यक कार्यवाही के दिए निर्देश

हिन्दुस्तान मिरर: अलीगढ़, 05 मार्च 2025: राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-334 के अलीगढ़-पलवल सेक्शन के निर्माण एवं चौड़ीकरण कार्य के तहत प्रभावित होने वाले भू-स्वामियों को प्रतिकर राशि वितरित करने की प्रक्रिया प्रारंभ की जा रही है। इस संबंध में अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) पंकज कुमार ने बताया कि तहसील खैर के 15 ग्रामों – कुराना, कनौरा, खेड़िया बुजुर्ग, बैरमगढ़ी, उसरह रसूलपुर, हरिरामपुर, अण्डला, असरोई, हामिदपुर, पड़ील, घरबरा, नौहटी, आबूपुर, रेसरी एवं बढ़ौली फत्ते खां में भू-अर्जन से प्रभावित किसानों एवं भू-स्वामियों को प्रतिकर वितरण के लिए निर्धारित तिथियों पर विशेष शिविरों का आयोजन किया जाएगा।

शिविरों की तिथियां एवं स्थान अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) ने बताया कि प्रत्येक ग्राम के लिए पृथक-पृथक तिथियों पर शिविर लगाए जाएंगे, जिनमें भू-स्वामियों को प्रतिकर वितरित किया जाएगा।

  • कुराना व कनौरा – 06 व 07 मार्च
  • खेड़िया बुजुर्ग व बैरमगढ़ी – 10 व 11 मार्च
  • उसरह रसूलपुर – 12, 17, 26 व 27 मार्च
  • हरिरामपुर – 12 व 17 मार्च
  • अण्डला व असरोई – 18 व 19 मार्च
  • हामिदपुर व पड़ील – 20 व 21 मार्च
  • घरबरा व नौहटी – 22 व 24 मार्च
  • आबूपुर व रेसरी – 25 मार्च
  • बढ़ौली फत्ते खां – 26 व 27 मार्च

प्रशासनिक दिशा-निर्देश एवं कार्यवाही एडीएम प्रशासन ने प्रतिकर वितरण की प्रक्रिया को सुचारू रूप से संपन्न करने हेतु क्षेत्रीय लेखपाल, भूमि अध्याप्ति अमीन एवं भूमि अध्याप्ति सहायक को तैनात किया है। इन अधिकारियों को निर्देशित किया गया है कि वे शिविरों में उपस्थित रहकर प्रभावित भू-स्वामियों को समय पर प्रतिकर वितरण सुनिश्चित करें।

इसके अतिरिक्त, एडीएम प्रशासन ने यह भी निर्देश दिया है कि प्रतिदिन की कार्यवाही की रिपोर्ट उपजिलाधिकारी खैर को सौंपी जाए, ताकि संपूर्ण प्रक्रिया की निगरानी एवं निष्पादन सुचारू रूप से किया जा सके। प्रशासन ने सभी संबंधित भू-स्वामियों से अपील की है कि वे निर्धारित तिथियों पर अपने दस्तावेजों सहित शिविर में उपस्थित होकर प्रतिकर राशि प्राप्त करें।

यह निर्णय प्रभावित किसानों के हित में लिया गया है ताकि उन्हें जल्द से जल्द उनका मुआवजा प्राप्त हो और राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण कार्य में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न न हो। प्रशासन का यह प्रयास प्रभावित भू-स्वामियों को राहत प्रदान करने के साथ-साथ क्षेत्र के अधोसंरचना विकास को गति देने के लिए भी महत्वपूर्ण साबित होगा।

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