हिन्दुस्तान मिरर: अलीगढ़, 22 जनवरी: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के वनस्पति विज्ञान विभाग में सेवानिवृत्त प्रोफेसर बहार अहमद सिद्दीकी के निधन पर गहरी शोक सभा आयोजित की गई। विभाग के शिक्षकों, छात्रों और कर्मचारियों ने उनके असामयिक निधन पर संवेदना प्रकट की। प्रो. सिद्दीकी का निधन 19 जनवरी, 2025 को दिल्ली में हुआ।
शोक सभा में श्रद्धांजलि
विभागाध्यक्ष प्रो. एम. बदरुज्जमां सिद्दीकी ने शोक सभा का नेतृत्व किया और प्रो. सिद्दीकी के परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएँ व्यक्त कीं। उन्होंने कहा, “प्रो. सिद्दीकी का निधन हमारे विभाग के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उनके योगदान और समर्पण को भुलाया नहीं जा सकता।”
शिक्षण और शोध में उल्लेखनीय योगदान
25 जून, 1945 को कुनकुरी, जिला रायगढ़ (छत्तीसगढ़) में जन्मे प्रो. सिद्दीकी ने अपनी शैक्षणिक यात्रा एएमयू से शुरू की। उन्होंने बी.एससी., एम.एससी., और पीएचडी की डिग्रियाँ प्राप्त कीं। 1972 में विभाग में लेक्चरर के रूप में शामिल होकर, उन्होंने चार दशकों तक शिक्षण और शोध में अभूतपूर्व योगदान दिया।
उनके शोध कार्यों ने म्युटेशन रिसर्च, साइटोजेनेटिक्स, और पादप प्रजनन जैसे क्षेत्रों में मजबूत नींव रखी। उनके 100 से अधिक शोध पत्र राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए। उन्होंने कई एम.फिल. और पीएचडी छात्रों का मार्गदर्शन कर वैज्ञानिक समाज को समृद्ध किया।
एक अनुकरणीय व्यक्तित्व
प्रो. सिद्दीकी न केवल एक विद्वान थे, बल्कि अपने विनम्र स्वभाव और मार्गदर्शक भूमिका के लिए भी जाने जाते थे। विभाग के छात्रों और कर्मचारियों ने उन्हें “एक प्रेरणादायक शिक्षक और समर्पित शोधकर्ता” के रूप में याद किया।
परिवार और विरासत
प्रो. सिद्दीकी अपने पीछे दो बेटियाँ छोड़ गए हैं। उनके परिवार के प्रति संवेदनाएँ व्यक्त करते हुए विभाग के सदस्यों ने उन्हें एक ऐसी विरासत के रूप में याद किया जो आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनी रहेगी।
उनकी उपलब्धियों और योगदान को स्मरण करते हुए, विभाग ने उनके नाम पर भविष्य में एक स्मृति व्याख्यान श्रृंखला शुरू करने का प्रस्ताव रखा।