डॉ. मरियम फातिमा को क्रिसिया-2025 में यंग प्रोफेशनल अवार्ड प्राप्त

हिन्दुस्तान मिरर: अलीगढ़, 28 फरवरी : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के गृह विज्ञान विभाग में सहायक प्रोफेसर डॉ. मरियम फातिमा को अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन ष्कटिंग-एज रिसर्च इनोवेशन इन सस्टेनेबल एजुकेशन, एनवायरनमेंट और एग्रीकल्चर (क्रिसिया-2025)ष् में उनके शोध ष्भविष्य को संवारनारू स्थायी जीवनशैली को बढ़ावा देने में पर्यावरण-सचेत पालन-पोषण की भूमिकाष् के लिए यंग प्रोफेशनल अवार्ड – 2025 से सम्मानित किया गया। इस सम्मेलन का आयोजन कृषि प्रौद्योगिकी विकास सोसायटी और गोवा विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ बायोलॉजिकल साइंसेज एंड बायोटेक्नोलॉजी द्वारा संयुक्त रूप से किया गया।

डॉ. फातिमा ने पर्यावरण-सचेत पालन-पोषण की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हुए बताया कि माता-पिता के निर्णय बच्चों की आदतों, मूल्यों और पर्यावरणीय जिम्मेदारी की धारणा को आकार देते हैं। उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि घर पर अपशिष्ट को कम करने, ऊर्जा की बचत करने और टिकाऊ खरीदारी जैसे सरल पर्यावरण-अनुकूल अभ्यास अपनाकर, माता-पिता भविष्य की पीढ़ियों में पर्यावरण संरक्षण की भावना विकसित कर सकते हैं।

एएमयू के शिक्षक को इंडाकॉन 25 में सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र पुरस्कार

अलीगढ़, 28 फरवरीरू अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के जाकिर हुसैन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के सिविल इंजीनियरिंग विभाग में सहायक प्रोफेसर, डॉ. सैफ उल्लाह खान को इंडाकॉन 25 अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र पुरस्कार से सम्मानित किया गया। यह सम्मेलन रासायनिक स्थायित्व और सतत विकास प्रथाओं पर केंद्रित था और हरकोर्ट बटलर टेक्निकल यूनिवर्सिटी, कानपुर में डलहौजी विश्वविद्यालय, कनाडा के सहयोग से किया गया।

डॉ. खान का पुरस्कार विजेता शोध कॉम्पोजिट मेम्ब्रेन के संश्लेषण, विशेषताओं और भारी धातु हटाने में इसके अनुप्रयोग पर केंद्रित था। यह शोध जल शुद्धिकरण, नमकीन पानी को पीने योग्य बनाने और पर्यावरण संरक्षण के लिए उन्नत सामग्रियों पर आधारित था। इस सम्मेलन में भारत और कनाडा के शिक्षाविदों, शोधकर्ताओं और उद्योग विशेषज्ञों के बीच गहन विचार-विमर्श हुआ, जिसका उद्देश्य पर्यावरण प्रदूषकों के लिए सतत समाधान विकसित करना था।

डॉ. खान, जो औद्योगिक अपशिष्ट जल उपचार में विशेषज्ञ हैं, ने अपने शोध कार्य को सहयोग देने के लिए सिविल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष और अन्य सहयोगियों के प्रति आभार व्यक्त किया।

सिविल इंजीनियरिंग विभाग के अध्यक्ष, प्रो. इजहारुल हक फारूकी ने डॉ. खान की शोध क्षमता की सराहना की और कहा कि उनके उत्कृष्ट अनुसंधान ने इस महत्वपूर्ण उपलब्धि का मार्ग प्रशस्त किया है।

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