अली दिवस पर दुर्लभ पांडुलिपियों और पुस्तकों की प्रदर्शनी संपन्न

हिन्दुस्तान मिरर: अलीगढ़, 15 जनवरी:

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के मौलाना आजाद पुस्तकालय में ‘अली सोसाइटी’ के सहयोग से आयोजित दुर्लभ पांडुलिपियों और पुस्तकों की प्रदर्शनी आज संपन्न हो गई। यह प्रदर्शनी हजरत अली इब्ने अबी तालिब की जयंती के अवसर पर आयोजित की गई थी और दो दिनों तक चली।

उद्घाटन और प्रदर्शनी की विशेषताएं

इस प्रदर्शनी का उद्घाटन कुलपति प्रोफेसर नईमा खातून द्वारा किया गया। उन्होंने हस्त लिखित पांडुलिपियों और पवित्र कुरान की दुर्लभ प्रतियों का अवलोकन किया। प्रदर्शनी में नहज-अल-बलागा की 900 साल पुरानी प्रति, पवित्र कुरान की दुर्लभ प्रतियां और विभिन्न भाषाओं की ऐतिहासिक पुस्तकें मुख्य आकर्षण रहीं।

नहज-अल-बलागा की यह प्रति उप-महाद्वीप में सबसे प्राचीन मानी जाती है।

प्रदर्शनी के मुख्य आकर्षण

1. कसीदा-ए-हाफिज: हजरत अली की प्रशंसा में लिखा गया यह दस्तावेज़ ‘खत-ए-नाखुन’ की अनोखी शैली में लिखा गया है।

2. पवित्र कुरान की दुर्लभ प्रतियां: इनमें कुफिक शैली में चर्मपत्र पर लिखी एक प्रति, जिसे हजरत अली द्वारा लिखा गया माना जाता है, और शाहजहां की पुत्री जहांआरा द्वारा लिखी आयतें शामिल हैं।

3. दुर्लभ संग्रह: हजरत अली के जीवन और उनके गुणों का वर्णन करने वाली विभिन्न भाषाओं की पुस्तकें भी प्रदर्शनी का हिस्सा रहीं।

विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति

प्रदर्शनी के दौरान यूनिवर्सिटी लाइब्रेरियन प्रो निशात फातिमा और ओरिएंटल सेक्शन के प्रभारी डॉ टी एस असगर ने कुलपति को प्रदर्शित संग्रहों के ऐतिहासिक और अकादमिक महत्व के बारे में बताया।

इस अवसर पर रजिस्ट्रार मो. इमरान आईपीएस, डीएसडब्लू प्रो रफीउद्दीन, प्रॉक्टर प्रो एम वसीम अली, शिया थियोलॉजी के विभागाध्यक्ष प्रो मो. असगर, और अन्य विश्वविद्यालय के वरिष्ठ अधिकारी, शिक्षक व छात्र उपस्थित रहे।

कैटलॉग का विमोचन

प्रदर्शनी के दौरान कुलपति प्रोफेसर नईमा खातून ने प्रदर्शनी में प्रदर्शित संग्रहों का कैटलॉग भी विमोचित किया।

अली दिवस पर आयोजित इस प्रदर्शनी ने छात्रों, शिक्षकों और शोधकर्ताओं को दुर्लभ पांडुलिपियों और ऐतिहासिक पुस्तकों की जानकारी प्रदान कर उन्हें हजरत अली के जीवन और उनके योगदान के बारे में गहराई से समझने का अवसर दिया।

रिपोर्ट – हिन्दुस्तान मिरर

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