एएमयू में चित्रकला, सुलेख और फोटोग्राफी पर पांच दिवसीय कार्यशाला का शुभारंभ

हिंदुस्तान मिरर: अलीगढ़, 28 जनवरी:
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के हेरिटेज सेल ने ‘सांस्कृतिक विरासत’ पर केंद्रित पांच दिवसीय कौशल विकास कार्यक्रम (एसडीपी) का आयोजन किया है। यह कार्यक्रम सेंटर ऑफ एक्सीलेंस ऑफ इस्लामिक आर्किटेक्चर, जेड.एच. कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के आर्किटेक्चर विभाग और मोइनुद्दीन अहमद आर्ट गैलरी के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है।

वाल पेंटिंग से कार्यक्रम की शुरुआत:
कार्यक्रम के संयोजक प्रोफेसर मोहम्मद फरहान फाजली ने बताया कि इस कार्यशाला में 65 से अधिक प्रतिभागी, जिनमें शिक्षक और विभिन्न विभागों के छात्र शामिल हैं, भाग ले रहे हैं। आज कार्यक्रम की शुरुआत आर्किटेक्चर विभाग के सामने वाल पेंटिंग के सत्र से हुई। इस सत्र में हैदराबाद के डॉ. एम. इफ्तिखार आलम ने वाल पेंटिंग की बारीकियों को समझाया और प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया।

सत्रों में विविध कलाओं का समावेश:
इस कार्यशाला में प्रतिभागी वाल पेंटिंग, इस्लामिक सुलेख, फोटोग्राफी और स्केचिंग जैसे विविध कला रूपों में प्रशिक्षण लेंगे। इसके साथ ही, वे एएमयू के हेरिटेज भवनों पर इन कलाओं को अमल में लाएंगे। इनमें भीकमपुर गेट, विक्टोरिया गेट, बायोकेमिस्ट्री विभाग, जामा मस्जिद, स्ट्रेची हॉल, कैनेडी कॉम्प्लेक्स और अन्य महत्वपूर्ण विरासत स्मारक शामिल हैं।

विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति:
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में रिसोर्स पर्सन के रूप में प्रोफेसर शर्मिन खान, प्रोफेसर एम. खालिद हसन और डॉ. एस.एम. नोमान तारिक उपस्थित रहे। इन विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने और कलाओं के माध्यम से इसे सजीव बनाए रखने के महत्व पर प्रकाश डाला।

सांस्कृतिक विरासत के संरक्षण पर जोर:
कार्यक्रम का उद्देश्य न केवल प्रतिभागियों को चित्रकला, सुलेख और फोटोग्राफी जैसे कौशल में दक्ष बनाना है, बल्कि विश्वविद्यालय की सांस्कृतिक विरासत को सहेजने और उसे कला के माध्यम से उजागर करने पर भी जोर देना है।

यह कार्यशाला अगले पांच दिनों तक चलेगी, जिसमें प्रतिभागी न केवल अपनी कलात्मक क्षमताओं को निखारेंगे बल्कि एएमयू के ऐतिहासिक स्थलों के सौंदर्य को भी और अधिक बढ़ाएंगे।

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