श्री अखलेश्वर महादेव मंदिर ट्रस्ट के प्रथम पाटोत्सव :मॉ अन्नपूर्णा के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा वैदिक विधि-विधान से संपन्न हुई।

अलीगढ़ 25 जनवरी 2025:
श्री अखलेश्वर महादेव मंदिर ट्रस्ट के प्रथम पाटोत्सव के अंतर्गत आज मॉ अन्नपूर्णा के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा वैदिक विधि-विधान से संपन्न हुई। इस धार्मिक अनुष्ठान में श्रद्धालुओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया और शहरभर में भक्तिमय माहौल देखने को मिला। मॉ अन्नपूर्णा और भिक्षापात्र लिए भगवान शिव के विग्रहों का चक्षु उन्मीलन कर उन्हें नगर भ्रमण कराया गया।

धार्मिक विधानों का अनुपालन

यह आयोजन 11 दिवसीय पाटोत्सव का हिस्सा है, जिसमें मॉ अन्नपूर्णा और भगवान शिव के विग्रहों का जल, अन्न और फल अधिवास के साथ प्रतिष्ठान किया गया। पंडित मेघ श्याम, पंडित सोनू शर्मा और आचार्य राजेश ने स्वर्ण शलाका से विग्रहों का चक्षु उन्मीलन किया। इस प्रक्रिया में विग्रह की आँखों से पट्टियां खोलकर प्रथम दृष्टिपात के लिए विशेष दर्पण क्रिया की गई।

भव्य नगर भ्रमण

विग्रहों को नगर भ्रमण पर ले जाया गया, जहाँ सड़कों पर भक्तों का उत्साह देखते ही बनता था। भक्तों ने ढोल-नगाड़ों की धुन पर नृत्य किया और पूरे मार्ग को जयकारों से गुंजायमान कर दिया। भगवान शिव और मॉ अन्नपूर्णा की आराधना के लिए श्रद्धालुओं ने जगह-जगह पुष्पवर्षा की।

महायज्ञ और आहूतियां

प्रमुख यजमानों बृजमोहन वार्ष्णेय और स्नेहलता वार्ष्णेय, प्रवीन अग्रवाल और सारिका अग्रवाल ने मुख्य आहूतियां दीं। यज्ञ में सैंकड़ों श्रद्धालुओं ने भाग लिया और अपनी आस्था प्रकट की। यज्ञ का संचालन वैदिक मंत्रोच्चार के साथ किया गया, जिसने माहौल को पवित्र और भक्तिमय बना दिया।

ट्रस्ट और श्रद्धालुओं की भागीदारी

इस अवसर पर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सतीश गौड़ ने बताया कि यह आयोजन श्रद्धालुओं के बीच भगवान के प्रति आस्था और भक्ति को मजबूत करता है। उन्होंने यह भी कहा कि मंदिर का यह प्रथम पाटोत्सव क्षेत्र में एक अनोखी धार्मिक परंपरा की शुरुआत है।

कार्यक्रम में सचिव मनोज अग्रवाल, प्रवीन वार्ष्णेय गप्पूजी, सुभाष गौतम, विनोद कुमार आनंद, स्वरूप गोयल, नवीन शर्मा, ज्ञानेन्द्र गुप्ता, मुकेश सिंघल सहित अनेक श्रद्धालु उपस्थित रहे। महिलाओं ने भी कार्यक्रम में विशेष भागीदारी निभाई, जिनमें शशि गौड़, पुष्पा गौड़, निशा अग्रवाल, मीरा शर्मा, छाया शर्मा और नीमा सिंघल प्रमुख रहीं।

आस्था और भक्ति का अनोखा संगम

इस भव्य आयोजन ने शहर में एकता, आस्था और उत्साह का संदेश फैलाया। यह पाटोत्सव न केवल धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि समाज को आध्यात्मिकता और प्रेम के सूत्र में पिरोने का प्रयास भी है।

श्रद्धालुओं ने मॉ अन्नपूर्णा और भगवान शिव की कृपा पाने के लिए उनकी आराधना की और आने वाले समय में भी ऐसे आयोजन की कामना की।

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