चुनावी प्रक्रियाओं को और मजबूत करने के लिए चुनाव आयोग की पहल
हिन्दुस्तान मिरर: अलीगढ़, 12 मार्च 2025: भारत के चुनाव आयोग (ईसीआई) ने चुनावी प्रक्रियाओं को और मजबूत करने के उद्देश्य से सभी राष्ट्रीय और राज्य स्तर के राजनीतिक दलों से सुझाव आमंत्रित किए हैं। यह पहल पारदर्शिता बढ़ाने और चुनावी प्रक्रियाओं में सुधार लाने के लिए की गई है। उप जिला निर्वाचन अधिकारी पंकज कुमार ने बताया कि आयोग ने 30 अप्रैल 2025 तक ईआरओ, डीईओ या सीईओ के स्तर पर किसी भी अनसुलझे मुद्दे पर राजनीतिक दलों से सुझाव मांगें हैं।
राजनीतिक दलों के साथ संवाद की योजना
आयोग ने राजनीतिक दलों को भेजे गए एक व्यक्तिगत पत्र में यह स्पष्ट किया है कि चुनावी प्रक्रियाओं को स्थापित कानूनों के अनुसार और मजबूत करने के लिए पारस्परिक रूप से सुविधाजनक समय पर पार्टी अध्यक्षों और वरिष्ठ नेताओं के साथ बातचीत की जाएगी। यह संवाद चुनाव प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और निष्पक्ष बनाने में सहायक सिद्ध होगा।
ईसीआई सम्मेलन में हुई थी चर्चा
गत सप्ताह आयोजित ईसीआई सम्मेलन में मुख्य चुनाव आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ), जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) और निर्वाचक नामावली पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) को राजनीतिक दलों के साथ नियमित संवाद स्थापित करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसी बैठकों में प्राप्त किसी भी सुझाव को पहले से मौजूद कानूनी ढांचे के भीतर सख्ती से हल किया जाए और 31 मार्च 2025 तक आयोग को कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत की जाए।
विकेंद्रीकृत जुड़ाव का आग्रह
चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों से आग्रह किया है कि वे विकेंद्रीकृत जुड़ाव के इस तंत्र का सक्रिय रूप से उपयोग करें ताकि चुनावी प्रक्रियाओं को निष्पक्ष और पारदर्शी बनाया जा सके।
चुनावी कानूनों और नियमों की जानकारी
डिप्टी डीईओ पंकज कुमार ने बताया कि चुनाव प्रक्रिया के सभी पहलुओं को संविधान और वैधानिक ढांचे के अनुरूप कवर किया गया है। आयोग ने पहचाने गए 28 प्रमुख हितधारकों में राजनीतिक दलों को भी शामिल किया है।
अपने पत्र में आयोग ने यह भी उल्लेख किया कि:
- जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 और 1951,
- मतदाता पंजीकरण नियम, 1960,
- चुनाव संचालन नियम, 1961,
- माननीय सर्वोच्च न्यायालय के आदेश,
- भारत के चुनाव आयोग द्वारा समय-समय पर जारी किए गए निर्देश, मैनुअल और हैंडबुक,
यह सभी ईसीआई की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध हैं और स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव कराने के लिए एक विकेंद्रीकृत, मजबूत और पारदर्शी कानूनी ढांचा स्थापित करते हैं।
चुनाव आयोग की यह पहल लोकतांत्रिक प्रणाली को और अधिक सशक्त बनाने तथा चुनावी प्रक्रियाओं में विश्वास बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।