जेएनएमसी के चिकित्सकों ने दुर्लभ कार्डियक सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया

हिन्दुस्तान मिरर: अलीगढ़, 31 जनवरी: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज (जेएनएमसी) के कार्डियोथोरेसिक सर्जरी विभाग ने एक दुर्लभ और जटिल हृदय सर्जरी को सफलतापूर्वक अंजाम दिया है। यह सर्जरी छह वर्षीय ऋषभ (सिद्धार्थ नगर, उत्तर प्रदेश) पर की गई, जो जन्म से ही गंभीर हृदय रोग से पीड़ित था।

गंभीर हृदय रोग से पीड़ित था बच्चा

ऋषभ को जन्म से ही सांस लेने में कठिनाई थी, और रोने के दौरान उसका चेहरा नीला पड़ जाता था। हाल ही में उसे खून की उल्टियां होने लगीं, जिससे उसके माता-पिता बेहद चिंतित हो गए। कई अस्पतालों में परामर्श के बाद पता चला कि उसे ‘टेट्रालॉजी ऑफ फेलोट’ नामक जन्मजात हृदय दोष और गंभीर दाहिने हृदय फेल्योर है। उच्च जोखिम के कारण कई बड़े अस्पतालों ने उसकी सर्जरी करने से इनकार कर दिया।

जेएनएमसी के विशेषज्ञों ने ली चुनौती

आखिरकार, परिवार को जेएनएमसी में उन्नत कार्डियक सर्जरी की सुविधा के बारे में पता चला। डॉ. शाद अबकरी (बाल रोग विशेषज्ञ) ने ऋषभ को कार्डियोथोरेसिक सर्जरी विभाग में भेजा, जहां डॉ. सैयद शमयाल रब्बानी की अगुवाई में डॉ. मोहम्मद आजम हसीन और डॉ. आमिर मोहम्मद की टीम ने यह जटिल सर्जरी की।

50 मिनट तक हृदय और फेफड़ों को रोका गया

इस बेहद चुनौतीपूर्ण सर्जरी के दौरान हृदय और फेफड़ों को 50 मिनट तक कृत्रिम रूप से रोका गया, ताकि हृदय दोषों को सावधानीपूर्वक ठीक किया जा सके। इस जटिल प्रक्रिया में डॉ. सबीर अली खान और इरशाद शेख ने हृदय-फेफड़े के कार्यों का प्रबंधन किया।

सफल सर्जरी के बाद बेहतर देखभाल

सर्जरी के बाद, ऋषभ को विशेष देखभाल में रखा गया, जहां नर्सिंग टीम (सुहैल-उर-रहमान और आमिर खान) ने उसकी निगरानी की। एनेस्थीसिया टीम (डॉ. दीप्ति चानना, डॉ. निदा और डॉ. इमामुद्दीन) ने ऑपरेशन को सुचारू रूप से संचालित किया।

जेएनएमसी की बड़ी उपलब्धि

डॉ. शमयाल रब्बानी ने बताया कि ऋषभ को ‘हॉफमैन टाइप टेट्रालॉजी ऑफ फेलोट’ था, जो इसे अत्यंत जटिल और उच्च जोखिम वाली सर्जरी बना देता है। डॉ. आमिर मोहम्मद ने कहा कि जेएनएमसी ने पिछले छह-सात वर्षों में 1,000 से अधिक जन्मजात हृदय दोषों का सफल इलाज किया है।

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम की भूमिका

प्रो. कमरान अफजल (संयोजक, डीईआईसी, जेएनएमसी) ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम (आरबीएसके) की सराहना की, जिसने इस जीवन रक्षक सर्जरी को नि:शुल्क उपलब्ध कराया।

प्रशासन और कुलपति ने दी बधाई

जेएनएमसी के प्रिंसिपल और चिकित्सा संकाय के डीन प्रो. हबीब रजा ने मेडिकल टीम की समर्पण भावना की सराहना की। एएमयू की कुलपति प्रो. नईमा खातून ने भी टीम को बधाई दी और कहा कि पिछले कुछ वर्षों में जेएनएमसी में 2,500 से अधिक कार्डियक सर्जरी सफलतापूर्वक की गई हैं, जो इसे कार्डियक देखभाल के क्षेत्र में एक अग्रणी संस्थान बनाती हैं।

जेएनएमसी की इस सफलता ने साबित कर दिया कि सीमित संसाधनों के बावजूद, उत्कृष्ट चिकित्सीय सेवाओं और समर्पण के बल पर असंभव को संभव बनाया जा सकता है। यह सर्जरी न केवल ऋषभ और उसके परिवार के लिए नई जिंदगी लेकर आई, बल्कि जेएनएमसी के चिकित्सा क्षेत्र में ऊंचे मानदंड स्थापित करने का भी प्रमाण है।

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