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सहारनपुर, बेहट तहसील: जिले के मिर्जापुर क्षेत्र में स्थित वहीद एजुकेशनल ट्रस्ट की करोड़ों की ज़मीन को भू-माफियाओं ने बेच डाला। हैरान करने वाली बात यह है कि यह ज़मीन पहले से ही प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और पुलिस विभाग के पास अटैच की गई थी। यह मामला हाल ही में तब सुर्खियों में आया जब जिलाधिकारी मनीष बंसल ने भू-माफियाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया था।
वहीद एजुकेशनल ट्रस्ट की ट्रस्टी फरीदा बेगम ने इस मामले की शिकायत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, ईडी, सीबीआई, सहारनपुर के कमिश्नर, डीएम और एसएसपी से की है। उन्होंने आरोप लगाया कि भू-माफिया, जो पहले से ही अवैध गतिविधियों में संलिप्त हैं, अब संवैधानिक संस्थाओं द्वारा अटैच की गई ज़मीनों के दस्तावेज़ों को धूमधाम से बेच रहे हैं। यह सब एक साजिश के तहत हो रहा है, जिसमें तहसील स्तर के कुछ अधिकारी भी संलिप्त हो सकते हैं, जो इन माफियाओं को मदद प्रदान कर रहे हैं।
फरीदा बेगम का कहना है कि पिछले तीन सालों में भू-माफियाओं ने उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ फर्जी मुकदमे दर्ज कराए और उन्हें जेल में डाल दिया, जिसके कारण अब उनका परिवार अपील करने के लिए कमजोर हो गया है। अब माफिया परिवार की ज़मीनों को दस्तावेज़ों के साथ बेच रहे हैं।
सचिन की रिपोर्ट के अनुसार, इस ज़मीन का मामला हाई कोर्ट प्रयागराज और सुप्रीम कोर्ट में भी चल रहा है, साथ ही पुलिस ने एफआईआर 83/2022 के तहत खसरा नंबर भी कुर्क किया हुआ है। बावजूद इसके, माफियाओं ने इन अटैच ज़मीनों की रजिस्ट्री कर दी है, और उन दस्तावेज़ों को बेचने का काम जारी रखा है। ट्रस्ट की ट्रस्टी ने इस संदर्भ में सभी ज़रूरी दस्तावेज़ों की कॉपी और ऑनलाइन रिकॉर्ड भी शिकायत के साथ संलग्न किया है।
फरीदा बेगम ने आशंका जताई है कि यह सारा मामला स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा है, क्योंकि बेहट तहसील में भूमि रजिस्ट्री के रिकॉर्ड को इन अधिकारियों की सिफारिश से दर्ज किया गया था। उन्होंने इस मामले में त्वरित और कठोर कार्रवाई की मांग की है।
यह मामला इलाके में भू-माफियाओं के हौसले को दिखाता है, जो संवैधानिक संस्थाओं और सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भी कड़ी चुनौती प्रस्तुत कर रहे हैं। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस गंभीर आरोप पर कब कार्रवाई करता है और यह मामला किस दिशा में आगे बढ़ता है।