हिन्दुस्तान मिरर: अलीगढ़, 31 जनवरी: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज (जेएनएमसी) के फार्माकोलॉजी विभाग द्वारा “नैनोमैटेरियल थैरेप्यूटिक्स में प्रगति और न्यूरोडीजेनेरेटिव बीमारियों” पर एक अतिथि व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस व्याख्यान को डॉ. सबा नकवी (राष्ट्रीय फार्मास्यूटिकल शिक्षा और अनुसंधान संस्थान, रायबरेली) ने प्रस्तुत किया। उन्होंने नैनोप्रौद्योगिकी की दवा वितरण, लक्षित उपचार और न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों के प्रबंधन में परिवर्तनकारी भूमिका पर चर्चा की।
नैनो टेक्नोलॉजी से दवाओं की प्रभावशीलता में सुधार
डॉ. सबा नकवी ने विस्तार से बताया कि नैनोकण (नैनोपार्टिकल्स) कैसे दवाओं की बायोएवैलिबिलिटी, स्थिरता और लक्षित वितरण को बढ़ाते हैं। उन्होंने कहा कि अल्जाइमर, पार्किंसंस और अन्य न्यूरोडीजेनेरेटिव रोगों के उपचार में यह तकनीक विशेष रूप से प्रभावी हो सकती है।
डॉ. नकवी ने बताया कि सेलेनियम, पोलिमेरिक और लिपिड-आधारित नैनोपार्टिकल्स के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति हुई है। इनका उपयोग मल्टीपल स्क्लेरोसिस, स्ट्रोक और अन्य न्यूरोलॉजिकल विकारों के उपचार में किया जा सकता है। उन्होंने इन नैनोपार्टिकल्स के न्यूरोप्रोटेक्टिव गुणों को विस्तार से समझाया और उनके संभावित नैदानिक अनुप्रयोगों पर प्रकाश डाला।
छात्रों और संकाय सदस्यों के साथ संवाद
डॉ. नकवी ने छात्रों और संकाय सदस्यों के साथ एक खुली चर्चा में भी भाग लिया। इस दौरान नैनोमेडिसिन के नैदानिक अनुप्रयोगों और ट्रांसलेशनल क्षमता पर विचार-विमर्श किया गया। उन्होंने बताया कि नैनोमेडिसिन भविष्य में दवा विज्ञान और चिकित्सा को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने में सहायक होगी।
कार्यक्रम की अध्यक्षता और समन्वय
इस व्याख्यान सत्र की अध्यक्षता डॉ. सैयद मेराज आलम फातमी ने की। कार्यक्रम का समन्वय फार्माकोलॉजी विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर सैयद जिया-उर-रहमान और डॉ. अभिनव तिवारी ने किया।
इस शैक्षणिक कार्यक्रम से छात्रों और शोधकर्ताओं को नैनोथैरेप्यूटिक्स के क्षेत्र में हो रही नवीनतम प्रगति की जानकारी मिली, जिससे भविष्य में नवाचार और अनुसंधान को नई दिशा मिल सकती है।