हिन्दुस्तान मिरर : प्रयागराज में महाकुंभ 2025 का पहला अमृत स्नान मकर संक्रांति के पावन अवसर पर सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। सभी 13 अखाड़ों के संतों ने पवित्र संगम में स्नान किया, जिसमें जूना अखाड़ा प्रमुख रहा। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, अब तक 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने संगम में डुबकी लगाई है।
स्नान के दौरान श्रद्धालुओं पर हेलिकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई, जिससे माहौल भक्तिमय हो उठा। स्नान के उपरांत श्रद्धालुओं की वापसी शुरू हो गई है, जिससे रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड पर भारी भीड़ देखी जा रही है। प्रयागराज रेलवे स्टेशन पर स्थिति को नियंत्रित करने के लिए लोगों को हॉल में रोका जा रहा है और आने वाली ट्रेनों के अनुसार प्लेटफॉर्म पर भेजा जा रहा है।
प्रातः 6 बजे अमृत स्नान का दृश्य अत्यंत मनमोहक था। हाथों में तलवार, त्रिशूल और डमरू लिए संन्यासी ‘हर-हर महादेव’ के उद्घोष के साथ घाटों पर पहुंचे। महाकुंभ में इस वर्ष पहली बार शाही स्नान की जगह ‘अमृत स्नान’ शब्द का प्रयोग किया गया, जो अखाड़ों के प्रस्ताव के अनुसार अपनाया गया है।
हालांकि, कड़ाके की ठंड के चलते बड़ी संख्या में संत महात्मा और श्रद्धालु बीमार हो गए। महाकुंभ के केंद्रीय अस्पताल में इमरजेंसी के 132 मामले पहुंचे, जिनमें से ज्यादातर ठंड लगने और दिल का दौरा पड़ने से संबंधित थे। सभी का उपचार जारी है और वे सुरक्षित हैं।
महाकुंभ के इस प्रथम अमृत स्नान ने श्रद्धालुओं की आस्था और उत्साह को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है, जिससे प्रयागराज एक बार फिर आध्यात्मिकता और संस्कृति का केंद्र बन गया है।
रिपोर्ट : हिन्दुस्तान मिरर