महाकुंभ 2025 के धर्म संसद के इस ऐतिहासिक फैसले ने सनातन धर्म के लिए एक नई दिशा प्रदान की है। “सनातन बोर्ड” के गठन का प्रस्ताव, जिसे “हिंदू अधिनियम 2025” के तहत लागू किया जाएगा, इस निर्णय का प्रमुख हिस्सा है। यह बोर्ड एक स्वतंत्र निकाय के रूप में कार्य करेगा और इसके कार्यक्षेत्र को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है।
सनातन बोर्ड की संरचना:
- अध्यक्ष मंडल – इसमें कुल 11 सदस्य होंगे।
- चारों संप्रदायों के प्रमुख जगद्गुरु।
- तीन सदस्य – सनातनी अखाड़ों के प्रमुख।
- एक सदस्य – संरक्षक मंडल द्वारा नामित।
- तीन सदस्य – प्रमुख संत, कथावाचक और धर्माचार्य।
सनातन बोर्ड के कार्य:
- मठ-मंदिरों को सरकार से मुक्त कराना: मठ और मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करना ताकि वे स्वतंत्र रूप से अपनी धार्मिक गतिविधियों का संचालन कर सकें।
- गौशाला और गुरुकुल की स्थापना: मठ-मंदिरों में गौशालाओं और गुरुकुलों की स्थापना से धर्म, संस्कृति और शिक्षा का संरक्षण होगा।
- पुजारियों की नियुक्ति: मंदिरों में योग्य पुजारियों की नियुक्ति सुनिश्चित करना।
- गरीब परिवारों को सहायता: सनातन धर्म से जुड़े गरीब परिवारों को आर्थिक सहायता प्रदान करना।
- लव जिहाद और धर्मांतरण पर रोक: समाज में लव जिहाद और धर्मांतरण जैसी समस्याओं को रोकने के लिए ठोस कार्य।
यह प्रस्ताव न केवल सनातन धर्म के अनुयायियों को संगठित करने का प्रयास है, बल्कि धर्म और संस्कृति के संरक्षण के लिए एक बड़ा कदम है।