भाजपा में बड़ा बदलाव: 3 मार्च तक नए जिलाध्यक्षों की घोषणा संभव, 35 तक हो सकते हैं बाहर

“हिन्दुस्तान मिरर” | 28 फरवरी 2025

भाजपा में बड़ा बदलाव: 3 मार्च तक नए जिलाध्यक्षों की घोषणा संभव, 35 तक हो सकते हैं बाहर

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में बड़े स्तर पर संगठनात्मक बदलाव की तैयारी है। 3 मार्च तक नए जिलाध्यक्षों की घोषणा होने की संभावना है। इस बार 98 जिलों में से करीब 29 जिलाध्यक्षों का बाहर होना तय माना जा रहा है, जबकि यह संख्या 35 तक पहुंच सकती है।

क्यों हटाए जा रहे हैं जिलाध्यक्ष?
पार्टी सूत्रों के अनुसार, जिन जिलाध्यक्षों पर भ्रष्टाचार के आरोप हैं या जिनके खिलाफ लगातार शिकायतें आ रही हैं, उन्हें पद से हटाया जाएगा। इसके अलावा 29 ऐसे जिलाध्यक्ष भी हैं, जिन्होंने अपने दो कार्यकाल पूरे कर लिए हैं।

वाराणसी में सबसे ज्यादा, लखनऊ में सबसे कम आवेदन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में महानगर अध्यक्ष पद के लिए सबसे ज्यादा 115 आवेदन मिले हैं, जबकि लखनऊ महानगर में सिर्फ 1 आवेदन आया है।

केंद्रीय नेतृत्व के पास गई लिस्ट
भाजपा के एक शीर्ष पदाधिकारी ने बताया कि प्रदेश नेतृत्व ने करीब 80 जिलों के जिलाध्यक्षों की लिस्ट तैयार कर केंद्रीय नेतृत्व को भेज दी है। राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय महामंत्री (संगठन) बीएल संतोष इस पर मंथन कर रहे हैं। केंद्रीय नेतृत्व की मंजूरी के बाद 3 मार्च तक नई सूची जारी की जा सकती है।

इन जिलाध्यक्षों पर संकट के बादल
• अंबेडकरनगर: त्रयंबक तिवारी के व्यवहार से जनप्रतिनिधि और कार्यकर्ता नाराज हैं।
• रायबरेली: बुद्धिलाल पासी आयु सीमा पार कर चुके हैं और उनके खिलाफ 6 पूर्व जिलाध्यक्षों ने शिकायत की है।
• फतेहपुर: मुखलाल पाल पर पद दिलाने के नाम पर 50 लाख की वसूली का आरोप है।
• लखनऊ: विनय प्रताप सिंह पर प्लॉट लेन-देन और व्यवहार संबंधी शिकायतें हैं।

ओबीसी, एससी और महिलाओं की भागीदारी बढ़ेगी
भाजपा इस बार जिलाध्यक्षों में पिछड़ा वर्ग (OBC), अनुसूचित जाति (SC) और महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की तैयारी में है। वर्तमान में 36 जिलाध्यक्ष ओबीसी वर्ग से हैं, जिन्हें 30 तक सीमित किया जा सकता है। वहीं, एससी और महिला जिलाध्यक्षों की संख्या बढ़ाकर 15 से 20 तक की जाएगी।

प्रदेश अध्यक्ष और अन्य पदों पर भी बदलाव
जिलाध्यक्षों की घोषणा के बाद प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होगा। इसके बाद नई प्रदेश कार्यकारिणी का गठन किया जाएगा, जिसमें 3 से 6 महीने लग सकते हैं। भाजपा के सभी 6 संगठनात्मक क्षेत्रों में नए क्षेत्रीय अध्यक्ष भी नियुक्त किए जाएंगे।

आगामी चुनावों को ध्यान में रखकर रणनीति
भाजपा का यह संगठनात्मक पुनर्गठन 2026 के पंचायत चुनाव और 2027 के विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए किया जा रहा है। सभी जातियों को प्रतिनिधित्व देकर जातीय संतुलन साधने की कोशिश होगी।

25 हजार से अधिक कार्यकर्ताओं को मिलेगा मौका
प्रदेश से लेकर मंडल स्तर तक की कार्यकारिणी में 25 हजार से अधिक कार्यकर्ताओं को संगठन में जगह मिलेगी। भाजपा युवा मोर्चा, ओबीसी मोर्चा, महिला मोर्चा समेत सभी अग्रिम प्रकोष्ठों में भी नए प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किए जाएंगे।

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