नागालैंड विश्वविद्यालय के छात्रों ने एएमयू के भाषा विज्ञान विभाग का दौरा किया

हिन्दु्स्तान मिरर,अलीगढ़, 11 जनवरी: नागालैंड विश्वविद्यालय के छात्रों का एक प्रतिनिधिमंडल अपने शैक्षिक दौरे के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) के भाषा विज्ञान विभाग पहुँचा। इस दौरे का उद्देश्य भारत के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों और उनके कार्यकलापों को समझना तथा भाषा विज्ञान के क्षेत्र में हो रहे शोध और नवाचारों से रूबरू होना था।

नागालैंड के प्रतिनिधि मंडल के साथ प्रो.एम.जहांगीर

विभागाध्यक्ष प्रो. एम. जहांगीर वारसी ने छात्रों का स्वागत करते हुए कहा कि, “एएमयू का भाषा विज्ञान विभाग राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी विशेष पहचान रखता है। यह बेहद प्रसन्नता की बात है कि अन्य विश्वविद्यालयों के छात्र यहां की सुविधाओं और शैक्षणिक माहौल को करीब से जानने में रुचि रखते हैं।”

छात्रों को दी गई विशेष जानकारी

दौरे के दौरान विभाग के विशेषज्ञों ने छात्रों को भाषा विज्ञान से संबंधित विभिन्न पहलुओं की जानकारी दी।

डॉ. पल्लव विष्णुने विभाग की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि और उसके प्रमुख शोध कार्यों के बारे में बताया।

डॉ. नोमान ताहिरने छात्रों को विभाग की आधुनिक सुविधाओं, जैसे आईसीटी लैब (सूचना और संचार प्रौद्योगिकी प्रयोगशाला) और स्मार्ट लैंग्वेज लैब का अवलोकन कराया।

• शोध छात्र मुनीम खानने छात्रों को विभाग की सेमिनार लाइब्रेरी का भ्रमण कराया, जिसमें भाषा विज्ञान से संबंधित दुर्लभ पुस्तकों और शोध सामग्रियों का संग्रह है।

विश्वविद्यालय की ऐतिहासिक इमारतों का भ्रमण

भाषा विज्ञान विभाग के दौरे के बाद नागालैंड विश्वविद्यालय के छात्रों को एएमयू की ऐतिहासिक इमारतों का भी दौरा कराया गया। छात्रों ने एएमयू की स्थापत्य कला, इतिहास और उसके योगदानों के बारे में जानकारी प्राप्त की। इनमें सुल्तान शाह हॉल, विक्टोरिया गेट और मौलाना आज़ाद लाइब्रेरी प्रमुख आकर्षण थे।

छात्रों की प्रतिक्रियाएँ

नागालैंड विश्वविद्यालय के छात्रों ने इस दौरे को शैक्षिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अत्यंत लाभकारी बताया। एक छात्र ने कहा, “यह हमारे लिए एक अविस्मरणीय अनुभव था। हमने न केवल भाषा विज्ञान के क्षेत्र में नई जानकारियां प्राप्त कीं, बल्कि एएमयू के गौरवशाली इतिहास को भी नजदीक से जाना।”

संवाद और सहयोग की उम्मीद

इस दौरे के जरिए दोनों विश्वविद्यालयों के बीच संवाद और सहयोग के नए अवसर उत्पन्न होने की उम्मीद जताई जा रही है। प्रो. एम. जहांगीर वारसी ने कहा कि इस प्रकार के दौरे छात्रों के शैक्षणिक और व्यक्तिगत विकास में सहायक होते हैं और विभिन्न संस्कृतियों के बीच पुल का काम करते हैं।

यह दौरा नागालैंड और अलीगढ़ जैसे विविध सांस्कृतिक पृष्ठभूमि वाले क्षेत्रों के बीच आपसी समझ और समन्वय को बढ़ावा देने का एक सराहनीय प्रयास रहा।

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