हिन्दुस्तान मिरर: अलीगढ़, 06 मार्च 2025: माननीय राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण एवं उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशानुसार तथा जिला न्यायाधीश एवं अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, श्री संजीव कुमार के दिशा-निर्देशन में आगामी 08 मार्च (शनिवार) को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। यह लोक अदालत जिला न्यायालय परिसर, बाह्य स्थित न्यायालयों तथा तहसील स्तर पर आयोजित की जाएगी।
लोक अदालत में किन मामलों का होगा निस्तारण?
राष्ट्रीय लोक अदालत में विभिन्न प्रकृति के मामलों का निस्तारण किया जाएगा, जिनमें निम्नलिखित प्रमुख श्रेणियां शामिल हैं:
- फौजदारी के शमनीय वाद
- धारा 138 (एनआई एक्ट) से जुड़े मामले (चेक बाउंस)
- धन वसूली वाद
- मोटर दुर्घटना प्रतिकर वाद
- श्रम वाद
- विद्युत अधिनियम एवं जलकर संबंधी वाद
- पारिवारिक एवं वैवाहिक विवाद
- भूमि अर्जन से जुड़े वाद
- सेवा संबंधी वाद
- अन्य दीवानी वाद
इसके अतिरिक्त, प्री-लिटिगेशन स्तर पर बैंकों, वित्तीय संस्थाओं एवं अन्य विभागों में लंबित मामलों का भी निस्तारण आपसी सुलह-समझौते के आधार पर किया जाएगा।
वादकारीगण के लिए सुनहरा अवसर
अपर जिला जज एवं सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, श्री नितिन श्रीवास्तव ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के माध्यम से मामलों का त्वरित एवं आपसी सहमति से समाधान किया जाता है। ऐसे में, वादकारीगण अपने मामले का शीघ्र निस्तारण चाहते हैं तो उन्हें राष्ट्रीय लोक अदालत में भाग लेने का यह अवसर नहीं गंवाना चाहिए।
कैसे उठाएं लाभ?
यदि कोई वादकारी अपने मामले को राष्ट्रीय लोक अदालत में निपटाना चाहता है, तो उसे नियत तिथि से पूर्व अपने प्रकरण से संबंधित न्यायालय कार्यालय में आवेदन प्रस्तुत करना होगा। इसके माध्यम से वे तेजी से, कम खर्च में और सौहार्दपूर्ण माहौल में अपने विवाद का निपटारा कर सकते हैं।
राष्ट्रीय लोक अदालत क्यों है महत्वपूर्ण?
राष्ट्रीय लोक अदालत एक ऐसा मंच है, जहां विवादों का समाधान न्यायालय के बाहर आपसी सहमति से किया जाता है। इसका मुख्य उद्देश्य लंबित मामलों का शीघ्र निस्तारण एवं न्याय प्रक्रिया को सुगम बनाना है। इसके अतिरिक्त, लोक अदालत में समझौते के आधार पर मामलों का निपटारा होने से वादकारियों को समय, धन और मानसिक तनाव से राहत मिलती है।