अब एआई , करेगा वकीलों की मदद, एएमयू प्रोफेसर ने दिया व्याख्यान

एएमयू) के विधि विभाग के प्रोफेसर और डिप्टी प्रॉक्टर डॉ. सैयद अली नवाज जैदी

बहु-विषयक अनुसंधान में एआई अनुप्रयोगों के प्रभावों पर विचार

हिन्दुस्तान मिरर: अलीगढ़, 20 जनवरी:

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) के विधि विभाग के प्रोफेसर और डिप्टी प्रॉक्टर डॉ. सैयद अली नवाज जैदी ने एक ऑनलाइन अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में कानूनी क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के क्रांतिकारी उपयोग पर विचार व्यक्त किए। यह सम्मेलन नाइजीरिया के हेंसर्ड विश्वविद्यालय और शिक्षा अनुसंधान प्रौद्योगिकी और मानव कल्याण संगठन (ईआरटीएचडब्ल्यूओ) द्वारा आयोजित किया गया।

एआई का कानूनी मामलों में उपयोग

प्रोफेसर जैदी ने कहा कि एआई अनुप्रयोगों का उपयोग ऐतिहासिक केस डेटा, कानूनी मिसाल और न्यायिक फैसलों का विश्लेषण करने में किया जा रहा है। इससे मामलों के परिणामों की भविष्यवाणी करना आसान हो गया है, जो न्याय प्रक्रिया में एक बड़ी क्रांति का संकेत है। उन्होंने बताया कि जमानत और सजा के फैसलों में “आरओएसएस इंटेलिजेंस” जैसे उपकरणों का इस्तेमाल हो रहा है, जो प्राकृतिक भाषा प्रसंस्करण के जरिए तत्काल कानूनी शोध प्रदान करते हैं। इससे वकीलों को मजबूत तर्क तैयार करने में मदद मिलती है।

कानूनी शोध में एआई की भूमिका

उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि एआई-संचालित उपकरण कुशल कानूनी शोध के लिए अत्यंत उपयोगी साबित हो रहे हैं। ये उपकरण सेकंडों में हजारों कानूनी मामलों को स्कैन करके प्रासंगिक कानून, मिसाल और विनियमों की पहचान करते हैं। इससे कानूनी प्रक्रियाएं अधिक प्रभावी और समयबद्ध बन रही हैं।

प्रशासनिक कार्यों में एआई का उपयोग

डॉ. जैदी ने कहा कि कानूनी फर्मों में एआई तकनीकों का उपयोग केवल अनुसंधान तक सीमित नहीं है, बल्कि ये अनुबंध प्रारूपण, दस्तावेज़ समीक्षा और अनुपालन निगरानी जैसे प्रशासनिक कार्यों को भी सुव्यवस्थित कर रही हैं। इससे कानूनी फर्मों की कार्यक्षमता और उत्पादकता में वृद्धि हो रही है।

सम्मेलन का आयोजन और मुख्य उद्देश्य

ईआरटीएचडब्ल्यूओ की निदेशक डॉ. नईमा उमर द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का उद्देश्य सभी उद्योगों में एआई के क्रांतिकारी प्रभावों का विश्लेषण करना था। इसमें वैश्विक स्तर पर विशेषज्ञों और शिक्षाविदों ने भाग लिया।

भविष्य में एआई का महत्व

डॉ. जैदी ने अपने व्याख्यान के अंत में कहा कि एआई का उपयोग कानूनी प्रणाली को अधिक पारदर्शी और सुलभ बना सकता है। हालांकि, उन्होंने एआई के संभावित खतरों और नैतिक चुनौतियों को लेकर सावधानी बरतने की भी सलाह दी।

यह सम्मेलन एआई के विविध क्षेत्रों में उपयोग और इसकी प्रभावशीलता पर चर्चा का एक महत्वपूर्ण मंच साबित हुआ।

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