हिन्दुस्तान मिरर: अलीगढ़ 25 फरवरीः अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रबंधन अध्ययन एवं शोध संकाय के व्यवसाय प्रशासन विभाग द्वारा फ्रैंक एंड डेबी इस्लाम प्रबंधन परिसर में ‘सांस्कृतिक सिम्फनी को समझनाः वैश्विक व्यापार संचार में महारत हासिल करना’ विषय पर एक विस्तार व्याख्यान का आयोजन किया गया। सत्र का उद्देश्य छात्रों को वैश्विक व्यापार परिदृश्य में प्रभावी संचार रणनीतियों में आवश्यक अंतर्दृष्टि से लैस करना था, जिसमें पेशेवर बातचीत में सांस्कृतिक समझ पर ध्यान केंद्रित किया गया।
कार्यक्रम की मेजबानी एमबीए की प्रथम वर्ष की छात्रा आरिफा तनवीर ने की, जिन्होंने प्रतिष्ठित वक्ताओं, एहतेशामुल हक, निदेशक, एशिया प्रशांत, डिजिटल कंट्रोल इंक., यूएसए, और फैज अहमद, प्रधान सलाहकार, भारत और मध्य पूर्व, सेकिसुई केमिकल कंपनी लिमिटेड का परिचय कराया।
हक ने संचार शैलियों, निर्णय लेने की प्रक्रियाओं और व्यावसायिक संबंधों को आकार देने में सांस्कृतिक बारीकियों की महत्वपूर्ण भूमिका पर विस्तार से चर्चा की। उनकी चर्चा में प्रमुख सांस्कृतिक सिद्धांत, बयानबाजी के अंतर, तेजी से सांस्कृतिक अनुकूलन, दीर्घकालिक सहयोग और डिजिटल रूप से जुड़ी दुनिया में आभासी टीमों के बढ़ते महत्व को शामिल किया गया। उन्होंने भारत, चीन और अमेरिका में व्यावसायिक संचार प्रथाओं में तुलनात्मक अंतर्दृष्टि भी प्रदान की।
अपने स्वागत भाषण में, प्रबंधन अध्ययन एवं शोध संकाय की डीन प्रो. आयशा फारूक ने आज के उभरते कारोबारी माहौल में वैश्विक संचार कौशल के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सांस्कृतिक बुद्धिमत्ता अंतरराष्ट्रीय मंच पर पेशेवर सफलता को कैसे बढ़ा सकती है।
समापन भाषण देते हुए, प्रो. परवेज तालिब ने विविध सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के लोगों के साथ बातचीत करते समय निर्णय को सुरक्षित रखने और सीधे जुड़ाव को बढ़ावा देने के महत्व पर जोर दिया। धन्यवाद ज्ञापन प्रथम वर्ष के एमबीए छात्र राफे निजाम ने प्रस्तुत किया।