लखनऊ, 5 मार्च (हिन्दुस्तान मिरर): उत्तर प्रदेश विधानसभा परिसर को स्वच्छ और तंबाकू मुक्त बनाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया है। अब विधानसभा परिसर में पान-मसाला, गुटखा और अन्य तंबाकू उत्पादों के सेवन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा दिया गया है। नियम का उल्लंघन करने पर दोषियों को ₹1000 का जुर्माना भरना होगा।
विधानसभा अध्यक्ष का सख्त रुख
उत्तर प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष ने साफ तौर पर कहा कि स्वच्छता और मर्यादा बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि विधानसभा परिसर को तंबाकू मुक्त क्षेत्र के रूप में सख्ती से लागू किया जाए।
स्वच्छता अभियान के तहत लिया गया फैसला
यह निर्णय स्वच्छ भारत अभियान और सार्वजनिक स्थलों को धूम्रपान एवं तंबाकू मुक्त बनाने की पहल का हिस्सा है। इससे पहले भी कई बार विधानसभा परिसर की दीवारों और कोनों पर पान-मसाले की पीक मिलने की शिकायतें आई थीं, जिसके बाद यह सख्त कदम उठाया गया।
सख्ती से लागू होंगे नियम
- यदि कोई व्यक्ति परिसर में पान-मसाला या गुटखा खाते हुए पाया जाता है, तो उस पर ₹1000 का जुर्माना लगाया जाएगा।
- विधानसभा में तैनात सुरक्षाकर्मी और अन्य अधिकारी इस नियम का सख्ती से पालन सुनिश्चित करेंगे।
- इस फैसले का उल्लंघन करने पर आगे और भी कड़ी कार्रवाई की जा सकती है।
जनता और नेताओं की प्रतिक्रिया
विधानसभा परिसर को साफ-सुथरा रखने के इस फैसले का कई विधायकों और अधिकारियों ने स्वागत किया है। कई जनप्रतिनिधियों का कहना है कि यह नियम स्वस्थ और स्वच्छ वातावरण बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। वहीं, कुछ लोगों का मानना है कि इस प्रतिबंध को पूरे प्रदेश में लागू किया जाना चाहिए, ताकि सार्वजनिक स्थानों को साफ-सुथरा रखा जा सके।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश सरकार का यह कदम विधानसभा परिसर में स्वच्छता बनाए रखने और तंबाकू के दुष्प्रभावों को कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है। अब देखना होगा कि इस नियम का पालन कितनी सख्ती से होता है और क्या अन्य सार्वजनिक स्थलों पर भी इसे लागू करने की पहल की जाएगी।