पाकिस्तानी महिला ने फर्जी दस्तावेजों से बरेली में पाई सहायक अध्यापक की नौकरी, बवाल !

हिन्दुस्तान मिरर: बरेली: फर्जी दस्तावेजों से सरकारी नौकरी पाने का बड़ा खुलासा

बरेली जिले के फतेहगंज पश्चिमी क्षेत्र में एक बड़ा मामला सामने आया है, जहां एक पाकिस्तानी महिला ने फर्जी दस्तावेजों के जरिए सरकारी विद्यालय में सहायक अध्यापक की नौकरी हासिल कर ली। इस घटना ने शिक्षा विभाग और प्रशासन पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है।

शुमायला खान: पाकिस्तानी नागरिक के रूप में पहचान हुई

माधौपुर स्थित सरकारी प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के रूप में कार्यरत शुमायला खान दरअसल पाकिस्तानी नागरिक हैं। उन्होंने 2015 में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (BSA), बरेली के माध्यम से नियुक्ति प्राप्त की थी। नियुक्ति के समय प्रस्तुत किए गए दस्तावेज, खासकर निवास प्रमाण पत्र, फर्जी पाए गए हैं।

जांच में सामने आई गड़बड़ी

शुमायला खान ने नियुक्ति के लिए उप जिलाधिकारी, सदर, रामपुर के कार्यालय से जारी निवास प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया था। तहसीलदार सदर, रामपुर द्वारा की गई जांच में स्पष्ट हुआ कि यह प्रमाण पत्र फर्जी था। जांच रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि शुमायला ने गलत जानकारी देकर यह प्रमाण पत्र बनवाया।

निलंबन और मुकदमा दर्ज

इस मामले के उजागर होने के बाद जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने शुमायला खान को 3 अक्टूबर 2024 को निलंबित कर दिया। साथ ही, उन्हें नियुक्ति तिथि से ही सेवा मुक्त कर दिया गया। खंड शिक्षा अधिकारी फतेहगंज पश्चिमी ने BSA के आदेश पर थाने में मुकदमा दर्ज करवाया है। गंभीर धाराओं में दर्ज मुकदमे के तहत अब शुमायला खान पर गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है।

शिक्षा विभाग पर सवाल और कार्रवाई की मांग

इस मामले ने शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। फर्जी दस्तावेजों की जांच में चूक और सत्यापन में लापरवाही की वजह से यह मामला वर्षों तक दबा रहा। प्रशासन द्वारा आगे की कार्रवाई के लिए मामले की जांच जारी है।

निवास प्रमाण पत्र को लेकर बड़े सवाल

शुमायला खान द्वारा प्रस्तुत निवास प्रमाण पत्र रामपुर के उप जिलाधिकारी कार्यालय से जारी हुआ था। यह प्रमाण पत्र किस तरह और किन अधिकारियों की मदद से बनाया गया, इस पर भी जांच की जा रही है। प्रमाण पत्र निरस्त होने के बाद प्रशासन ने इसे गंभीर अपराध मानते हुए सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

इस घटना ने शिक्षा विभाग में नियुक्तियों के सत्यापन प्रक्रिया को लेकर गंभीर चिंताएं उठाई हैं। प्रशासनिक अधिकारियों और शिक्षा विभाग को यह सुनिश्चित करना होगा कि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।

बरेली जिले के इस विवाद ने यह साबित कर दिया है कि फर्जी दस्तावेजों के जरिए सरकारी नौकरी पाने का खतरा अब भी मौजूद है। प्रशासन और शिक्षा विभाग को इस मामले से सबक लेकर कड़ी जांच और सत्यापन प्रक्रिया को अपनाना होगा।

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