मौनी अमावस्या पर प्रयागराज में उमड़ी भारी भीड़, ट्रेनों के निरस्त होने से यात्रियों को झटका

हिन्दुस्तान मिरर: प्रयागराज: मौनी अमावस्या के अवसर पर संगम नगरी प्रयागराज में आस्था का जनसैलाब उमड़ पड़ा। देशभर से करोड़ों श्रद्धालु इस पावन पर्व पर गंगा स्नान के लिए पहुंचे, जिससे रेलवे और प्रशासन के सामने भीड़ को नियंत्रित करने की बड़ी चुनौती खड़ी हो गई। बढ़ती भीड़ के मद्देनजर रेलवे ने कई ट्रेनों को निरस्त कर दिया, जिससे हजारों यात्रियों की यात्रा प्रभावित हुई और मजबूरी में उन्हें अपने टिकट रद्द कराने पड़े।

दो दिनों में 46 हजार से अधिक टिकट हुए कैंसिल

रेलवे के आंकड़ों के अनुसार, मात्र दो दिनों में कुल 46,168 आरक्षित टिकट निरस्त किए गए।
• 28 जनवरी: 19,516 टिकट रद्द
• 29 जनवरी (मौनी अमावस्या): 26,652 टिकट रद्द

इस बड़े पैमाने पर टिकट कैंसिलेशन से रेलवे को करोड़ों रुपये यात्रियों को रिफंड करने पड़े। 28 जनवरी को 1.71 करोड़ रुपये और 29 जनवरी को 2.36 करोड़ रुपये का रिफंड रेलवे द्वारा जारी किया गया।

रेलवे को उठाना पड़ा बड़ा नुकसान

भारी भीड़ को देखते हुए कई ट्रेनों को अचानक कैंसल या रीशेड्यूल किया गया, जिससे यात्री परेशान हो गए। श्रद्धालुओं ने एक महीने पहले से रिजर्वेशन कराया था, लेकिन ट्रेनें निरस्त होने के कारण उन्हें मजबूरन अपनी यात्रा रद्द करनी पड़ी। इससे रेलवे को टिकटों की वापसी पर कुल 4.07 करोड़ रुपये का रिफंड देना पड़ा।

10 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

मौनी अमावस्या के लिए प्रयागराज में 10 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई गई थी। इसी को ध्यान में रखते हुए पुलिस और प्रशासन ने व्यापक स्तर पर तैयारियां की थीं। लेकिन उम्मीद से ज्यादा श्रद्धालु प्रयागराज पहुंचे, जिससे रेलवे को कई ट्रेनों का संचालन बंद करना पड़ा।

यात्रियों को झेलनी पड़ी परेशानियां

ट्रेन निरस्त होने से हजारों श्रद्धालु यात्रा नहीं कर सके और उन्हें टिकट रद्द कराना पड़ा। कई यात्री स्टेशन पर ही फंसे रहे, जबकि कुछ को बस या अन्य साधनों से सफर करना पड़ा। भीड़ के कारण रेलवे स्टेशनों पर अव्यवस्था भी देखने को मिली।

प्रशासन ने किए थे बड़े इंतजाम

प्रयागराज में मौनी अमावस्या के स्नान को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा और यातायात व्यवस्था को लेकर व्यापक इंतजाम किए थे। हजारों पुलिसकर्मी और सुरक्षाबल तैनात किए गए थे, लेकिन ट्रेनों की रद्दीकरण से यात्रियों को असुविधा का सामना करना पड़ा।

अगले साल के लिए तैयारी जरूरी

हर साल मौनी अमावस्या के अवसर पर लाखों श्रद्धालु संगम में स्नान करने आते हैं। इस बार की अव्यवस्था को देखते हुए विशेषज्ञों का मानना है कि रेलवे को पहले से ही ट्रेनों की संख्या बढ़ानी चाहिए, जिससे यात्रियों को असुविधा न हो। प्रशासन को भीड़ प्रबंधन को लेकर और अधिक प्रभावी योजना बनानी होगी, ताकि श्रद्धालु बिना किसी दिक्कत के आस्था की डुबकी लगा सकें।

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