महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा को सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने विशेष सुरक्षा व्यवस्था की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर, 70 जिलों की पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है। कुल 15,000 से अधिक जवानों की सुरक्षा तैनाती की गई है, जिनमें 400 महिला पुलिस कर्मी भी शामिल हैं। यह कदम महाकुंभ के विशाल आयोजन में हर पहलू की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए उठाया गया है।
सुरक्षा व्यवस्था के तहत तैनात फोर्स:
पुलिस के जवानों को आठ-आठ घंटे की तीन शिफ्टों में तैनात किया गया है। उनकी पूरी उपस्थिति और जानकारी ऐप के माध्यम से डिजिटल रूप से सुरक्षित की जा रही है। जवानों की पहचान और स्थिति को ट्रैक किया जा सकता है, क्योंकि चेहरे की स्कैनिंग के जरिए उनकी सारी जानकारी प्राप्त हो जाती है। इससे सुरक्षा के स्तर में न केवल वृद्धि होती है, बल्कि जवानों की कार्य क्षमता और जिम्मेदारी को भी प्रभावी रूप से मॉनिटर किया जाता है।
आधुनिक सुविधाओं का ध्यान:
सुरक्षा बल के जवानों के लिए पुलिस लाइन में विशेष इंतजाम किए गए हैं, ताकि उन्हें रुकने, खाने-पीने और स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं मिल सकें। जवानों की आरामदायक स्थिति के लिए आधुनिक कैंटीन में हाइजीन का पूरा ख्याल रखा गया है, जहां उन्हें स्वच्छ और पौष्टिक भोजन के अलावा चाय और कॉफी जैसी सुविधाएं भी दी जा रही हैं।
स्वास्थ्य सुविधाओं की व्यवस्था:
सुरक्षा बल की स्वास्थ्य का ख्याल रखने के लिए पुलिस लाइन में तीन विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम तैनात की गई है। इसके अतिरिक्त, हर दस दिन पर स्वास्थ्य जांच शिविर भी आयोजित किए जा रहे हैं, ताकि जवानों की सेहत पर कोई प्रतिकूल असर न पड़े।
महिला पुलिस कर्मियों के लिए विशेष व्यवस्था:
महिला पुलिस कर्मियों के लिए एक अलग कॉलोनी, मेस और कैंटीन की व्यवस्था की गई है। इससे उनकी सुरक्षा और आराम को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जा रही है। इसके अलावा, शस्त्रागार, भंडार गृह और गणना कार्यालय जैसी अत्याधुनिक सुविधाएं भी उपलब्ध हैं, ताकि पुलिस बल की कार्यकुशलता बनी रहे और किसी भी प्रकार की कोई कमी न हो।
महाकुंभ के आयोजन के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा के साथ-साथ पुलिस बल के जवानों की भलाई और कार्य की सुविधा को सुनिश्चित करने के लिए यह व्यापक योजना तैयार की गई है, जो महाकुंभ के सफल संचालन में महत्वपूर्ण योगदान देगी।