प्रयागराज, 24 दिसंबर 2024: इलाहाबाद हाईकोर्ट ने PCS जे 2022 की मुख्य परीक्षा में गड़बड़ी के मामले को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है। कोर्ट ने इस गड़बड़ी की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग का गठन किया है। आयोग का नेतृत्व इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस गोविंद माथुर करेंगे। हाईकोर्ट ने इस मामले में आदेश दिया कि आयोग को अपनी जांच रिपोर्ट 31 मई 2025 तक कोर्ट में प्रस्तुत करनी होगी।
यह कदम उस समय उठाया गया जब एक याची ने परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कोर्ट में याचिका दायर की थी। याची ने कहा था कि PCS जे 2022 परीक्षा में कोपियों के अवलोकन और मूल्यांकन में गंभीर त्रुटियाँ पाई गईं, जिसके कारण कई छात्रों के परिणाम प्रभावित हुए। याची का यह भी आरोप था कि परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता का घोर अभाव था, जिससे न्यायपूर्ण परिणाम की उम्मीदों को नुकसान हुआ।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इन आरोपों पर गहन विचार करते हुए मामले की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया। न्यायिक आयोग का उद्देश्य मामले की निष्पक्ष और पारदर्शी जांच करना होगा। आयोग को परीक्षा में गड़बड़ी के हर पहलू की जांच करनी होगी और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ उचित कार्रवाई करने के लिए सिफारिशें करनी होंगी।
न्यायिक आयोग की अध्यक्षता कर रहे गोविंद माथुर, जो इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड चीफ जस्टिस हैं, को इस जिम्मेदारी को निभाने के लिए चुना गया है। हाईकोर्ट ने इस आदेश के साथ ही आयोग को सख्त दिशा-निर्देश दिए हैं कि वह अपनी जांच को शीघ्रता से पूरा कर रिपोर्ट दाखिल करें।
इसके साथ ही हाईकोर्ट ने इस मामले में अगली सुनवाई 25 दिसंबर 2024 को निर्धारित की है, जहां कोर्ट मामले की प्रगति की समीक्षा करेगा और आगे की कार्रवाई पर विचार करेगा।
यह मामला विशेष रूप से उन छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है, जो परीक्षा परिणामों को लेकर संदेह और निराशा का सामना कर रहे हैं। न्यायिक आयोग की जांच से उम्मीद की जा रही है कि इस मामले में पारदर्शिता लाने और छात्रों के अधिकारों की रक्षा करने में मदद मिलेगी।