अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU): प्रोफेसर रियाजुद्दीन के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की तैयारी

  1. प्रोफेसर रियाजुद्दीन पर आरोप
    अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के कैमिस्ट्री डिपार्टमेंट के प्रोफेसर रियाजुद्दीन पर गंभीर आरोप लगे हैं। उनके ऊपर अपने ही विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर पर झूठी शिकायतें करने का आरोप है। इस मामले को लेकर विश्वविद्यालय ने उन्हें नोटिस भेजा था, लेकिन प्रोफेसर ने नोटिस का जवाब नहीं दिया है, जिसके कारण विभागीय कार्रवाई की संभावना जताई जा रही है।
  2. आरोपों का खुलासा
    एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. इशात मोहम्मद खान ने 16 नवंबर को प्रोफेसर रियाजुद्दीन की शिकायत की। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रोफेसर रियाजुद्दीन लगातार उनकी और अन्य छात्राओं के खिलाफ झूठी शिकायतें कर रहे थे। इन शिकायतों में आरोप लगाया गया था कि प्रोफेसर ने हिंदू और मुस्लिम छात्राओं के नाम पर झूठे आरोप लगाए थे।
  3. झूठी शिकायतें और गुमराह करना
    प्रोफेसर रियाजुद्दीन ने 22 बार एसोसिएट प्रोफेसर पर धार्मिक आरोप, परीक्षाओं में गड़बड़ी और पेपर संबंधी आरोप लगाए थे। उन्होंने डाक विभाग के जरिए पुलिस को झूठी शिकायतें भेजी थीं, जिससे अधिकारियों को गुमराह कर दिया गया था और मामले की जांच शुरू कर दी गई थी।
  4. सीसीटीवी फुटेज से मिली सच्चाई
    एसोसिएट प्रोफेसर ने डाक विभाग की सीसीटीवी फुटेज भी प्रदान की, जिसमें प्रोफेसर रियाजुद्दीन को शिकायती पत्र भेजते हुए देखा गया था। इससे साबित हुआ कि वह झूठे आरोप भेजने के लिए डाकघर आए थे।
  5. पुलिस पूछताछ और कबूलनामे की प्रक्रिया
    पुलिस ने प्रोफेसर रियाजुद्दीन से पूछताछ की, जहां उन्होंने शुरुआत में सभी आरोपों को नकारा। लेकिन जब शिकायती पत्र और रसीद का मिलान किया गया, तो सच्चाई सामने आई और प्रोफेसर ने अधिकारियों के सामने सारी बात कबूल की। पुलिस ने इन वीडियो और ऑडियो रिकॉर्डिंग्स को एएमयू प्रशासन को सौंप दिया है।
  6. नोटिस और विभागीय कार्रवाई की तैयारी
    एएमयू के रजिस्ट्रार इमरान खान (IPS) ने प्रोफेसर रियाजुद्दीन को नोटिस जारी किया था और उनसे 7 दिन के भीतर स्पष्टीकरण मांगा था। हालांकि, अब तक 15 दिन हो चुके हैं, लेकिन प्रोफेसर ने कोई जवाब नहीं दिया है। ऐसे में माना जा रहा है कि उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी और उन्हें सस्पेंड भी किया जा सकता है।
  7. सख्त विभागीय कार्रवाई की संभावना
    आरोपों के गंभीरता को देखते हुए, प्रोफेसर रियाजुद्दीन के खिलाफ केंद्रीय सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण और अपील नियम), 1965 और विश्वविद्यालय के शिक्षक आचरण एवं अनुशासन नियम, 2020 के तहत सख्त विभागीय कार्रवाई की जा सकती है। इसमें उन्हें निलंबित भी किया जा सकता है।
  8. विश्वविद्यालय का कड़ा रुख
    अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय की प्रशासनिक टीम इस मामले को गंभीरता से ले रही है और आरोपियों के खिलाफ उचित कदम उठाने के लिए तत्पर है। विश्वविद्यालय ने इस मामले में पारदर्शिता बनाए रखने और सत्यता की पुष्टि करने के लिए पुलिस और अन्य अधिकारियों से सहयोग लिया है।

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